राजस्थान उपचुनाव: क्या CM अशोक गहलोत का सियासी ‘चक्रव्यूह’ भेद पाएंगे डॉ. सतीश पूनियां?

फोकस भारत । राजस्थान में सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ उपचुनावों के नतीजे को अपनी ओर करने के लिए प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीतिक दल सियासी दाव पेंच आजमा रहे है। 17 अप्रैल को मतदान है और 2 मई को नतीजे आएंगे।  कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगा रखी है।   राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि  भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश  पूनियां पार्टी के भीतर और बाहर तमाम चुनौतियों को पार करते हुए इन तीनों सीटों पर चुनाव प्रचार कर पूरी सक्रियता से लगे हुए है। राजनीतिक पंड़ित मानना है कि डॉ. सतीश पूनियां उपचुनाव क्षेत्रों से संबधित जिलों में स्थानीय स्तर पर नेताओ के गुटों को एकजुट कर एक जाजम पर लाने में भी वे सफल रहे हैं। वहीं इन तीनों सीटों पर भाजपा का चुनाव जीतना सतीश पूनियां के लिए बड़ी चुनौती भी है। क्योंकि  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन उपचुनावों में जो सियासी चक्रव्यूह बनाया है उसे भेद पाना भी सतीश पूनिया के सामने अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। 

लेकिन राजनीतक विश्लेषक कहते है कि कार्यकर्ताओं की फौज के अथक परिश्रम और मजबूत बूथ प्रबंधन की बदौलत सतीश पूनियां तीनों ही सीटों पर चुनाव जीतने का मजबूती से दावा करते है, लेकिन ये सब मतदाता तय करेंगे कि किसकी हार होगी और किसकी जीत।  राजनीतिक पंड़ित कहते है कि विपक्षी दल होने की वजह से भाजपा के पास संसाधनो की कमी है लेकिन फिर भी सतीश पूनिया पार्टी को अभेद्द और अजेय बनाने में लगे हुए है। तीनों विधानसभा क्षेत्रो के गांव, ढाणी और शहरों में लगातार दौरे कर मतदाताओं से भाजपा को वोट देने की अपील कर रहे है। लिहाजा सतीश पूनियां की सक्रियता के साथ-साथ पार्टी के सभी मोर्चे भी सक्रिय है । अब देखना होगा कि 2 मई को सियासत का ऊंट किस ओर करवट लेता है।