खेत खलिहानों में ‘कमल’ जमकर खिला, लेकिन शहरों में मुरझा गया

फोकस भारत ।  राजस्थान में कांग्रेस गांवों मे कमजोर हुई, लेकिन शहरों में मजबूत होकर उभरी है। खेत खलिहानों में ‘कमल’ जमकर खिला, लेकिन शहरों में मुरझा गया। राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि  गांवों की काश्तकार जातियां और दलित तबका पंचायत चुनाव में हमेशा कांग्रेस का  परम्परागत वोट बैंक रहा था। यहां तक कि विपक्ष में रहने के बावजूद कांग्रेस का ग्रामीण अंचल में पंजा मजबूत रहता था लेकिन इस बाय यह मिथक टूट गया । भाजपा जनरल कास्ट मूल ओबीसी वोटर्स के बलबूते शहरों में हमेशा विजयी होती आ रही थी। लेकिन इस बार उसका शहरों में तिलिस्म टूट गया। 

 

राजस्थान पंचायत चुनावों के नतीजों से बैकफुट पर आई कांग्रेस रविवार को निकाय चुनावों के परिणामों के बाद फिर से फ्रंटफुट पर आ गई है।  राजस्थान के 12 जिलो के  50 शहरी निकायों में कुल 1775 वार्ड के लिए चुनाव हुए जिनमें से 620 वार्ड जीतकर कांग्रेस पहले नंबर पर रही। निर्दलीयों के खाते में 595 वार्ड आए जबकि भाजपा 548 सीटों पर तीसरे स्थान लुढ़क गई।