पापा से ऐसा प्यार: पिता की चिता में कूदी बेटी, अस्पताल में लड़ रही जिंदगी की जंग

फोकस भारत। भारत- पाक सरहदी सीमा के बाड़मेर(Barmer) से कोरोना काल के समय मे एक दिल को झकजोर देने वाला मामला सामने आया, पिता का इतना ख्याल रखती इतनी सेवा करती कि लोग मिसाल देते थे बेटी हो तो चंद्रकला जैसी हो उस चंद्रकला ने मंगलवार को ऐसा कदम उठाया कि इन लोगों का कलेजा कांप उठा करुणा से बुजुर्ग पिता की मौत का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पाई श्मशान में अंतिम लकड़ी देते समय पिता की जलती चिता(Daughter hurt by father death due to Corona) में कूद गई । इससे श्मशान में हाहाकार मच गया जैसे तैसे निकाल कर उसे अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन 70% झुलसने(daughter jump 70 percent burnt)के कारण उसकी हालत गंभीर है।

दिल दहला देने वाला यह वाक्य राजस्थान के  बाड़मेर जिले की राय कॉलोनी में घटित हुआ कॉलोनी के निवासी दामोदरदास शारदा की कोरोना(COVID-19) के कारण मंगलवार को राजकीय अस्पताल में मृत्यु हो गई पिता की मौत पर बेटियों का रो रो कर बुरा हाल हो गया दरअसल कोरोना संक्रमित दामोदर को अंतिम संस्कार के लिए जब शमशान ले जाने लगे तब बेटियों को घर जाने को कहा लेकिन वह हट गई बोली पिता के अंतिम संस्कार में हम भी जाएंगे शव को एंबुलेंस के जरिए श्मशान घाट पहुंचाया गया जहां करो ना गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार हुआ कपाल क्रिया के बाद सभी परिजन जाने लगे तो सबसे छोटी बेटी चंद्रकला अंतिम लकड़ी देने पहुंची और जलती चिता में कूद गई अचानक हुई इस घटना से परिजन के होश उड़ गए श्मशान में हाहाकार मच गया लोगों के नगर परिषद के कार्मिक और चंद्रकला को जैसे-तैसे निकालकर अस्पताल ले गए चिकित्सकों ने बताया कि वह झुलस गई है हालत गंभीर है सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची है

दामोदर के 4 बेटियां थी जो पिता पर जान छिड़कती थी दामोदरदास के 1 पुत्र है पुत्र लगभग 20 साल पहले से बाहर रह रहा है एक बेटी विवाहित है शेष तीन बेटियां कुँवारी है जो पिता के साथ ही रहती है बताया गया कि 25 साल पहले बीमारी के कारण दामोदरदास का एक हाथ काट काट दिया गया था तीनों बेटियां पिता का पूरा ख्याल रखती थी पिता को किसी काम से बाहर जाना होता तो कोई भी एक बेटी साथ रहती विकलांग दामोदर को राज्य सरकार से 2 बीघा जमीन मिली और एक पेट्रोल पंप अलॉट हुआ था संचालन में अक्षम था तो एक व्यक्ति को दे दिया उसने अनियमितता की तो जिला रसद अधिकारी ने पंप का लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा कर दी कलेक्टर ने आदेश दिया कि दोस्त दामोदर का नहीं है लाइसेंस बहाल किया जाए तेल कंपनी ने कलेक्टर के आदेश से पहले पंप खारिज कर दिया दामोदर अपनी बेटीयो के भविष्य पर न्याय के लिए लड़ रहा था इस संघर्ष में बेटियां सहारा बनी हुई थी अब परिवार के समक्ष संकट खड़ा हो गया है