खुद कांस्टेबल फिर भी डर था कि गांव के दबंग लोग घोड़ी से उतार देंगे, पुलिस प्रोटेक्शन में निकली बारात

फोकस भारत। एक सवाल कि आखिर कब तक दलित समाज को घोड़ी से उतारने का डर सताएगा ?   राजस्थान के  उदयपुर जिले के गोगुंदा थाना क्षेत्र के राव मादड़ा गांव के  कॉन्स्टेबल कमलेश मेघवाल की शादी पुलिस-प्रशासन के पहरे में आयोजित हुई। शादी से पहले ही दूल्हे कमलेश ने पुलिस से शादी में सुरक्षा की गुहार की थी। इस पर शादी के दौरान डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार सहित दो थानों की फोर्स को तैनात किया गया। दूल्हे कमलेश के भाई दुर्गेश ने बताया कि गांव में दलित समाज के लोगों को घोड़ी पर बैठ बारात नहीं निकालने दी जाती है। इससे पहले भी गांव में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जब दलित दूल्हे को निकासी के वक्त घोड़ी से उतार दिया गया। इसकी वजह से शादी से पहले ही पुलिस और प्रशासन की मदद मांगी गई थी।  दरअसल उपखंड अधिकारी नीलम ने बताया कि कमलेश मेघवाल  को घोड़ी से उतारने का डर था। इसे लेकर उसने पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा मांगी थी। फिलहाल कमलेश की शादी की सभी रस्मों को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा कर लिया गया है।