आज से अनलॉक-5 की शुरुआत, जानें क्या खुला और किस पर रहेगा प्रतिबंध

फोकस भारत। देश में 1 अक्टूबर से अनलॉक-5 की शुरूआत हो गई है, इसी के साथ ही गृह मंत्रालय ने रियायतों की नई सूची जारी की है, केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 15 अक्टूबर से सिनेमा हॉल खुल सकेंगे, इसके अलावा राज्य सरकारें 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों को खोलने का फैसला स्थिति का आकलन करने के बाद कर सकती हैं।

कंटेनमेंट जोन के बाहर 15 अक्टूबर से खुलेंगे थियेटर, मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल

15 अक्टूबर से शुरू होंगे स्वीमिंग पूल 

मनोरंजन पार्क को भी इजाजत 

बिजनेस टू बिजनेस प्रदर्शनी को भी मंजूरी

एक राज्य से दूसरे राज्य में और राज्य के भीतर आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं

दुकानों में सामाजिक दूरी का पालन अनिवार्य होगा

घर पर ही रहें 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति

अतंरराष्ट्रीय विमान सेवाएं अगले आदेश तक बंद

100 से ज्यादा लोगों को जमा होने की इजाजत

बंद परिसरों में 100 व्यक्तियों के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है बशर्ते हॉल में उपस्थित लोगों की संख्या कुल क्षमता से 50 प्रतिशत से अधिक न हो, चेहरे पर मास्क पहनना और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना, थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने के लिए हैंड वॉश या सैनिटाइजर का प्रबंध अनिवार्य रूप से किया जाए, ऐसे आयोजनों में अधिकतम 200 व्यक्ति मौजूद रह सकते हैं। खुले स्थानों में मैदान या परिसर के आकार को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी, चेहरे पर मास्क, थर्मल स्कैनिंग और हैंडवाश और सैनिटाइजर की उपलब्धता के साथ कड़ी निगरानी के बीच आयोजन की अनुमति दी जा सकती है । ऐसे आयोजनों से कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैले, ये सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा. राज्य और केंद्र शासित सरकारों को भीड़-भाड़ या सामाजिक आयोजनों के नियमन और नियंत्रण हेतु विस्तृत एसओपी जारी करनी होगी. बता दें कि अनलॉक-5 के दौरान कई त्योहार जैसे दशहरा, दुर्गा पूजा पड़ रहे हैं इस वजह से सरकार खास सावधानी बरत रही है

स्कूल, कॉलेज, शिक्षा संस्थान और कोचिंग संस्थान पर दिशा-निर्देश

स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को 15 अक्टूबर 2020 के बाद क्रमबद्ध तरीके से एक निर्णय लेने के लिए छूट दी गई है, राज्यों/केंद्र शासित सरकारें स्कूल/संस्थान के प्रबंधन के साथ परामर्श करके निर्णय ले सकेंगी, छात्र-छात्राएं सिर्फ अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों/संस्थानों में उपस्थित हो सकेंगे ,उपस्थिति को जबरन लागू नहीं किया जाना चाहिए और ये पूरी तरह से माता-पिता की सहमति पर निर्भर होनी चाहिए,जिन स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी उन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों द्वारा जारी की जाने वाली एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा