क्या राम मंदिर भूमि पूजन पर हुआ कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन ?

  • राम नाम में गाइडलाइन नाकाम !

  • RSS प्रमुख के अयोध्या जाने पर उठा सवाल!

फोकस भारत। अयोध्या राम मंदिर के भूमि पूजन के इतिहास का गवाह बन चुकी है।लेकिन इस ऐसिहासिक पल के बीच कोरोना का डर बरकरार है। एक लाख का आकड़ा पार कर चुके यूपी में आखिर क्यों स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन को नजर अंदाज किया गया।  ये सबसे बड़ा सवाल है…

क्या हैं गाइडलाइन

  • बिना मास्क पहने नहीं घूमना है, पास में सैनिटाइजर रखना है।
  • सामाजिक दूरी का पालन करते हुए 6 फीट की दूरी को मेंटेन करना है।
  • 65 से ऊपर के बुजुर्ग व्यक्ति को घर से बाहर जाने पर मनाही है।

सरकार की कोरोना गाइडलाइन कहती है कि 65 साल की उम्र से ऊपर का बुजुर्ग व्यक्ति घर से बाहर न निकले, उसके बाद भी कार्यक्रम में योगी सरकार ने गाइड लाइन का जरा भी पालन नहीं किया। कार्यक्रम में 69 साल के मोहन भागवत को कार्यक्रम में अतिथि बनाया गया है. देखा जाए तो पीएम मोदी की आयु भी 69 वर्ष की है. साथ ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की आयु भी 78 वर्ष है। ऐसे में जब गाइड लाइन का ध्यान बीसीसीआई ने रखते हुए 60 साल से ज्यादा उम्र के अंपायर, कोच, सपोर्ट और ग्राउंड स्टाफ के मौदान पर जाने की मनाही रखी है. तो फिर क्यों सरकार स्वास्थ्य विभाग की बनाई गई गाइड लाइन को भूल सकती है।

भले ही भूमि पूजन के कार्यक्रम को लेकर सरकार की ओर से कोरोना से बचाव की तामम तरह की सावधानियों के पालन का ढिंढोरा पीट गया हो, भले ही मुंह पर मास्क और दो गज दूरी का मंत्र दोहराया गया हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कोरोना नियम यूपी में औंधे मुंह गिर गए है।

 ऐसे में जब गाइड लाइन का ध्यान बीसीसीआई ने रखते हुए 60 साल से ज्यादा उम्र के अंपायर, कोच, सपोर्ट और ग्राउंड स्टाफ के मौदान पर जाने की मनाही रखी है. तो फिर क्यों सरकार स्वास्थ्य विभाग की बनाई गई गाइड लाइन को भूल सकती है। जबकि रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी प्रदीप दास समेत राम जन्म भूमि की सुरक्षा में लगे 14 पुलिसकर्मी भी कोरोना से संक्रमित हो चुके है।

रिपोर्ट- विपुल माहेश्वरी।