जयबहादुर सिंह जी की प्रेरणा से दो बार कारसेवा में गया : सतीश पूनियां

  • विहिप नेता जयबहादुर सिंह शेखावत का निधन
  • भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने साझा की यादें

फोकस भारत। अयोध्या राम जन्म भूमि को बचाने की खातिर राजस्थान में जन जागरण कर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता जय बहादुर सिंह शेखावत खाचरियावास  का रविवार को जयपुर में निधन हो गया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अंतिम संस्कार में पहुंचकर विश्व हिंदू परिषद के नेता जय बहादुर सिंह श्रद्धांजलि दी।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि मुझे दोनों बार कारसेवा में जाने का अवसर मिला, दोनों ही बार जय बहादुर सिंह जी की प्रेरणा से कारसेवा में जाने का अवसर मिला, एक बार तो वे स्टेशन छोड़ने भी गए थे। उन्होंने कहा कि जय बहादुर सिंह जी का हमें हमेशा मार्गदर्शन मिलता रहा, हम उनके राष्ट्र प्रेम और राष्ट्रवाद को लेकर किये जाने वाले सेवा कार्यों से हमेशा प्रेरणा लेते रहे और आगे भी उनके द्वारा किये गये सेवा कार्यों से प्रेरणा लेते रहेंगे। पूनियां ने कहा कि नई पीढ़ी को भी जय बहादुर सिंह जी के राष्ट्र सेवा के कार्यों से प्रेरणा मिलती रहेगी।

डॉ. पूनियां ने कहा कि जय बहादुर सिंह शेखावत जी का उनके प्रति हमेशा प्रेम,  लगाव रहा एवं मार्गदर्शन मिलता रहा। मेरे प्रदेशाध्यक्ष बनने पर उन्होंने हाथ से लिखकर शुभकामना एवं बधाई पत्र मुझे भेजा, जो मेरे लिये सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि जय बहादुर जी हमेशा खुद ही पत्र लिखकर कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का मनोबल बढ़ाते रहे और समय-समय पर संवाद कर मार्गदर्शन भी करते रहे।

विहिप नेता जयबहादुर सिंह को जानें

जय बहादुर सिंह शेखावत का जन्म 3 जून 1927 को खाचरियावास ठाकुर और न्यायाधीश कल्याण सिंह के घर पर हुआ था। जय बहादुर सिंह शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे, उनका पूरा जीवन संघ और उनकी गतिविधियों में समर्पित रहा है। वे 1956 से 1966 तक संघ की जयपुर महानगर के कार्यवाहक रहे। अंतिम समय तक भी राष्ट्र, हिंदू समाज, धर्म की सेवा में जुटे रहे। पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के चचेरे भाई जय बहादुर सिंह संघ से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर किये गये आंदोलन में शामिल हुए और उन्होंने तीन महीने की कठोर सजा जेल में बिताई। राजस्थान में मंदिरों को बचाने के लिए आंदोलन के अगवा रहे। जयपुर में भारत माता मंदिर की स्थापना में जय बहादुर सिंह की भूमिका सबसे अग्रणी रही।

1970 के कर्मचारी आंदोलन के दौरान भी वे जेल गए, 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन में राजस्थान के स्वयंसेवकों के जत्थे का नेतृत्व किया, 14 दिसंबर 1992 को गिरफ्तारी भी दी, गौ हत्या आंदोलन से शुरु से जुड़े रहे। राजस्थान में गोवंश संवर्धन परिषद के अध्यक्ष रहे, 1966 से 1993 तक विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री रहे, 1997 में सरकार ने गौ सेवा आयोग का उपाध्यक्ष बनाया।

इसके अलावा जय बहादुर सिंह वनवासियों व गौशालाओं को हर माह सहयोग राशि भेजते रहे, 20 फरवरी को इन्हें राजस्थान ‘‘सनातन पुरुष’’  की उपाधि से सम्मानित किया गया। भगवत गीता ज्ञान प्रचार ट्रस्ट के संयोजक और गांधी विद्या मंदिर सरदारशहर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रहे। सरसंघचालक गुरु गोलवलकर व देवरस जी से उनका सीधा संपर्क रहा। गुरुजी के कई पत्र आज भी उनके संग्रह में मौजूद हैं।

रिपोर्ट-फोकस भारत।