फोकस भारत। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की है। इन 62 में एक विधानसभा सीट जंगपुरा पर जीत दर्ज करने वाले प्रवीण कुमार देशमुख भी हैं। जिनके पिता भोपाल में आज भी पंचर की दुकान चलाते हैं। ये सादगी राजनीतिक जीवन में मिसाल है।
प्रवीण कुमार भले ही जंगपुरा विधानसभा से दूसरी बार विधायक बन गए लेकिन उनके पिता पीएन देशमुख ने अपने काम को नहीं छोडा। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरा बेटा मंत्री भी बन जाएगा तब भी मैं अपना काम नहीं छोडूंगा। वो अपना काम कर रहा है और मैं मेरा। ये कहना है प्रवीण कुमार के पिताजी का।
पवीण कुमार ने जंगपुरा विधानसभा से 16 हजार 63 वोट से जीत दर्ज की है। भोपाल में पढ़ाई पूरी करने वाले प्रवीण के परिवार के लोग राजनीति से कोसो दूर थे। प्रवीण ने सियासी सफर की शुरुआत 2011 में अन्ना आंदोलन से जुड़कर की। फिर वह आम आदमी पार्टी से जुड़े। प्रवीण ने भोपाल के TIT कॉलेज से 2008 में MBA किया। नौकरी करने के लिए वह 2009 में दिल्ली पहुंचे। 2015 में बेटे के विधायक बनने के बाद भी प्रवीण के पिता पीएन देशमुख ने पंचर की दुकान बंद नहीं की। भोपाल में उनकी दुकान जिंसी चौराहा बोगदापुल के पास है जहां टायर सुधारने और पंचर बनाने का काम होता है। प्रवीण ने 2015 में पहली बार जंगपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ा और करीब 20 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।