गहलोत का ‘राजधर्म’…भाजपा पर गर्म, पायलट पर नर्म !

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भाजपा पर पलटवार
  • मीडिया पर भी जमकर बरसे अशोक गहलोत 
  • अंतिम जीत हमारी होगी : अशोक गहलोत 

फोकस भारत। राजस्थान में सियासी माथापच्ची चरम पर है। इस बीच जैसलमेर पहुंचे मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। इससे पहले उन्होंने आने वाले विधानसभा सत्र को देखते हुए  अपने विधायकों को एक जुट रहने की सलाह दी और तमाम विधायकों के नाम पत्र लिखा। इस खुले खत का मजमून सिर्फ इतना था कि विधायक अपनी आत्मा की आवाज सुनकर फैसला करें और तमाम संकटों के खिलाफ एकजुट रहें। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं भी दीं।

भाजपा की बाड़ेबंदी पर सवाल 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की बाड़ेबंदी पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी पोल अब खुल गई है। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी है, हॉर्ड ट्रेडिंग की वजह से हमें अपनी सरकार बचाने की कोशिशें करनी पड़ रही हैं और बाड़ेबंदी भाजपा कर रही है। मुख्यमंत्री ने भाजपा की बाड़ेबंदी को आपसी फूट करार देते हुए कहा कि उनकी बाड़ेबंदी तीन-चार जगह पर हो रही है। उसमें भी विधायकों को अलग अलग चुनकर बाड़ेबंदी की जा रही है।

राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग की परंपरा नहीं रही

मुख्यमंत्री ने कैलाश मेेघवाल के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान में इस प्रकार की परंपरा नहीं रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी दो-तीन बार चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिशें हुईं थी, भैरोसिंह शेखावत के वक्त मैंने कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहते हुए मैंने चुनी हुई सरकार गिराने की कोशिश का विरोध किया था, केंद्र में नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब भी मैंने ऐसी परंपरा का विरोध किया था। राजस्थान में राज्यपाल बलिराम भगत थे तब भी मैं उसने जाकर मिला था। राजस्थान में चुनी हुई सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है।

प्रदेश भाजपा पर तीखे तंज 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के भाजपा नेताओं पर तंज किया। कहा कि बीजेपी के स्थानीय नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन उनकी पोल खुल गई, वे चार्टर्ड प्लेन कर रहे हैं, विधायकों को भेज रहे हैं और बाड़ेबंदी करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी परम्पराएं डेमोक्रेसी के लिए खतरे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अस्थिर करने के षडयंत्र के खिलाफ उनकी सरकार लड़ाई लड़ रही है और इस संघर्ष में जीत सरकार की ही होगी।

जहां जीवन बचाने का संघर्ष हो, वहां राजनीति पीछे हो जाती है

मुख्यमंत्री ने कहा कि घर घर में यही चर्चा हो रही है कि बीजेपी तमाशा कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही थी, कोरोना को लेकर एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी काम किया गया, देश  दुनिया में तारीफ हो रही थी, जहां जीवन बचाने का संघर्ष हो, वहां राजनीति पीछे हो जाती है। आजीविका बचाने के संघर्ष के बावजूद भाजपा को सरकारें टॉपल करने के लिए षड्यंत्र करने का टाइम मिल जाता है। इससे लगता है कि सत्ता हासिल करने के लिए इनकी कितनी रूचि है।

केंद्रीय मंत्री पर फिर गहलोत का इल्जाम

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृहमंत्री अमित शाह समेत एक बार फिर धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अमित शाह का टारगेट सरकार को गिराने का रहता है। इस षडयंत्र में धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल भी शामिल हैं। ये लोग डेमोक्रेसी को कमजोर कर रहे हैं, 70 साल तक हमने लोकतंत्र को बचाकर रखा है, सरकारें आई भी हैं, गई भी हैं, इंदिरा गांधी जैसी महान नेता चुनाव हार गई थीं, पुनः जनता ने ढाई साल में उनको सत्ता सौंप दी । उन्होंने कहा कि वाजपेयी खुद बार-बार कहते थे कि डेमोक्रेसी हमारे लिए सर्वोपरि होनी चाहिए, डेमोक्रेसी की रक्षा होनी चाहिए।

7-8 राज्यों में भाजपा ने सरकारों को किया अस्थिर 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां सरकारें कांग्रेस की हैं वहां एक के बाद एक सरकारों को अस्थिर किया गया। उन्होने कहा कि अरुणाचल में हमारे लगभग 45 थे विधायक, 40 को तोड़ लिया गया, मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड की घटनाएं सबको पता हैं, कर्नाटक में हमारी सरकार चली गई,  मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ।

लोकतंत्र बचाने की लड़ाई 14 के बाद भी जारी रहेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेमोक्रेसी को बचाने की हमारी लड़ाई 14 अगस्त के बाद में भी जारी रहेगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि विजय हमारी होगी, विजय सत्य की होगी, विजय प्रदेशवासियों की होगी, विजय उन तमाम विधायकों की होगी जो चाहते हैं चाहे पक्ष में हैं चाहे विपक्ष में हैं, कि सरकारें अस्थिर नहीं होनी चाहिए। तमाम विधायकों को मैंने पत्र लिखा है, आपका परिवार क्या कहता है, आपकी खुद की आत्मा क्या कहती है, आपके क्षेत्रवासी जो हैं जो आपके मतदाता हैं वो क्या कहते हैं, उनकी आवाज़ सुनो फिर फैसला करो।

पायलट खेमे को लेकर नरम पड़े मुख्यमंत्री के तेवर 

पायलट खेमे के विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री के सुर कुछ ढीले नजर आए। उन्होंने कहा कि उन विधायकों को जिस तरह बाड़ाबंद किया गया है वो चिंताजनक है, उन पर बाउंसर्स लगाए गए हैं, दो सौ लोगों को खड़ा किया गया है, परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा, एसओजी और एसीबी सिर्फ बयान लेना चाहते हैं उनसे भी मिलने तक नहीं दिया जा रहा। एसओजी के नोटिस को लेकर दुष्प्रचार किया गया, ऐसा भ्रम फैलाया गया कि जैसे कि राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हो गया हो, मुझे भी नोटिस मिला, सबको मिले थे, खाली बयान देने के लिए सिंपल नोटिस था, उसको ऐसा प्रोजेक्ट किया गया जैसे राजद्रोही बनाकर एसओजी में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया हो।  मैं समझता हूं कि वो खुद समझ रहे होंगे, अधिकांश लोग वापस आ जाएंगे हमारे साथ में।

मीडिया पर भड़के मुख्यमंत्री गहलोत 

विधायकों के टेलीफोन टेप होने की खबरों के चलने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया पर खासे नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि इससे घटिया खबर क्या हो सकती है, बड़े-बड़े मीडिया के लोगों ने नेशनल चैनल ने भी इस खबर को चलाया। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि  एक भी विधायक या सांसद  का टेलीफोन टेप नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने साथ ही इसे विपक्ष की साजिश बताते हुए कहा कि यह भी षड्यंत्र के पार्ट हैं, षड्यंत्र के पार्ट में जो-जो लोग शामिल हैं चाहे मीडिया लोगों के साथी हों, चाहे कुछ ऐसे लोगों के दोस्त हों जो ये षड्यंत्र कर रहे हैं, ये सब मिलकर के जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। न मानसरोवर में कोई कंपनी है, न हमें कोई जानकारी है, फिर भी यदि कोई खबर चल पड़ती है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण बात है।

रिपोर्ट- फोकस भारत।