डबवाली विधानसभा से INLD की टिकट की मजबूत दावेदार है ये नेत्री, राजनीति को समाजनीति में बदलकर कायम की मिसाल

फोकस भारत। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 की रणभेरी बज चुकी है। 90 विधानसभा सीटों में से सबसे ज्यादा चर्चा डबवाली विधानसभा सीट की है। डबवाली विधानसभा सीट से एक नाम मजबूती से उभर कर आया है । ये नाम है सुनैना चौटाला। इनेलो के महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव है सुनैना चौटाला । डबवाली विधानसभा सीट से इनेलो की टिकट की प्रबल मजबूत दावेदार है सुनैना चौटाला। सुनैना ने राजनीति को समाजनीति में बदल कर सियासत में नई मिसाल कायम की है।  जिसके चलते विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं में उनका सौम्य एवं मिलनसार स्वभाव खासी चर्चा का विषय बना हुआ है। डबवाली के साथ पूरे हरियाणा की महिलाओं में उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। जिसका फायदा इनेलों को चुनाव में जरुर होगा। 

महिला कालेज छात्र संघ की रही प्रेसिडेंट

इनेलो नेता अभय सिंह ने सुनैना को इनेलो की महिला विंग की प्रदेश महासचिव मनोनीत किया था। सुनैना चौटाला ओम प्रकाश के छोटे भाई और पूर्व विधायक स्वर्गीय प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी हैं।  खास बात यह कि सुनैना देवीलाल परिवार की दूसरी महिला हैं, जिन्हें सियासत में उतारा गया है। सुनैना मूल रूप से तहसील बरवाला (हिसार) के गांव दौलतपुरखेड़ा की रहने वाली हैं। दरअसल प्राथमिक शिक्षा रोहतक के एक निजी स्कूल में हुई। बाद में एफसी कॉलेज हिसार में दाखिला करवाया। ग्रेजुएशन करने के बाद एमए (अंग्रेजी) की।  सुनैना चौटाला अपने कॉलेज की दिनों से ही राजनीति में सक्रीय रही हैं।  वर्ष 1995 में महिला कॉलेज छात्र संघ की प्रेसिडेंट बनी। सुनैना में लीडरशिप क्वालिटी कॉलेज के वक्त से परवान चढ़ी थी। उनकों महिलाओं की परेशानी का भी इल्म है क्योंकि कॉलेज के दिनों से ही उन्होंने महिलाओं के लिए काम किया । सुनैना के पिता ईश्वर सिंह लांबा तथा मां बिमला देवी बारी-बारी से गांव के सरपंच बने। सुनैना को शूटिंग का शौक हैं। वे राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं। इसके अतिरिक्त फुटबाल खेलना पसंद हैं। राजनीतिक विशलेषक बताते है कि सुनैना की लीडरशिप क्वालिटी का इनेलों को फायदा होगा। दरअसल सुनैना पिछले छह साल से पैदल सालासर जाती हैं। हर छह माह बाद 15 दिनों की धार्मिक यात्रा करती हैं। स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करती हैं।

पति का सपॉर्ट सुनैना की ताकत 

रवि चौटाला खुद राजनीति के क्षेत्र में होने के बावजूद पत्नी सुनैना को सपॉर्ट कर रहे है। राजनीति पंडित कहते है कि इससे बड़ा महिला सशक्तिकरण का उदाहरण नही मिल सकता है। रवि चौटाला पहले कांग्रेस में थे लेकिन बाद में परिवार पर संकट आया तो इनेलो में शामिल हो गए। चौटाला परिवार में मतभेद के बाद इनेलो ने सुनैना चौटाला को जो जिम्मेदारी दी उसमें रवि चौटाला का पूरा सहयोग मिला है।  रवि चौटाला डबवाली क्षेत्र में नशा मुक्ति अभियान का अमूल्य परिचायक बने हुए है। इस क्षेत्र की बड़ी समस्या युवाओं में नशे की प्रवृति है। जिसके खिलाफ रवि चौटाला ने मौर्चा खोला हुआ है।  इसी मुहिम के चलते अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को नशा छुड़ाया गया है। ये अभियान रवि चौटाला ने गांव गांव -ढाणी ढाणी में चला रखा है।

 

‘समाजसेवा के लिए आई राजनीति में’

सुनैना चौटाला ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल एक पार्टी नही बल्कि हमारे दादाजी चौधरी देवीलाल की  विचारधारा है। मैं उनसे प्रभावित हूं। सुनैना आगे बताती है कि राजनीति में आने का मेरा मकसद समाजनीति है। राजनीति एक क्षेत्र है जिसके जरिए बेहतर तरीके से समाज के लिए काम किया जा सकता है। सुनैना कहती है कि डबवाली की महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा बड़ा मुद्दा है। डबवाली के साथ ही हरियाणा के गांवों -शहरों में महिलाओं को इनेलो से जोड़ने का काम कर रही है सुनैना चौटाला। सुनैना चौटाला का मानना है कि अगर पार्टी ने मौका दिया तो डबवाली से जरुर चुनाव लड़ेंगी।

 

डबवाली का सियासी गणित

सिरसा जिले की डबवाली विधानसभा सीट है। जिसकी सीमाएं पंजाब और राजस्थान दोनों से लगती है। यहां पर पंजाबी और राजस्थानी दोनों संस्कृति के लोग रहते है। राजनीतिक रुप से सक्रिए ये क्षेत्र लोकदल का गढ़ रही है ।  2009 से पहले ये एक आरक्षित सीट थी। जिस पर हुए आखिसी 3 चुनावों में इनेलों और समता पार्टी जीते है। सामान्य सीट बनने के बाद 2009 और 2014 में यहां से चौटाला परिवार के सदस्य ही विधायक बने है।

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