फोकस भारत। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Narendra Modi) केन्द्रीय मंत्रियों को दी गई अपनी पसंद के प्राइवेट सैक्रेटरी(Private Secretary) नियुक्त करने की छूट को वापस लेकर एक तरह से इन सभी मंत्रियों को अपनी निगरानी में रख रहे है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने पी.एस. का चयन करने की शक्तियां अब प्राइम मिनिस्टर ऑफिस को सौंप दी है। और ये पी.एस. संबंधित मंत्रियों की गतिविधियों का नियमित ब्यौरा दे सकते है। साल 2014 तक मंत्रियों के पास पी.एस. सहित अपना स्टाफ चयनित करने का विशेषाधिकार हमेशा रहा मंत्री इनकी मदद से अपने कार्य का संचालन करते आए। और आदेश पारित करते थे। लेकिन ये प्रथा 2014 से बदल गई । नई व्यवस्था के तहत मंत्रियों को अपनी पसंद के स्टाफ की सिफारिश करनी होती थी और पीएमओ इस पर अंतिम निर्णय लेता था कि पीएस सहित कौन कौनसा स्टाफ किस मंत्री को आवंटित करना है।
- अब पीएमओ सीधे ही अपने स्तर पर चयन कर मंत्रियों के निजी सचिव नियुक्त करेगा।
- निजी सचिव आईएएस अधिकारी होते थे और मंत्री इनके मार्फत मंत्रालय का काम चलाते थे लेकिन 2014 में इस व्यवस्था में पहला परिवर्तन हुआ और गौर आईएएस नियुक्त किये जाने लगे।
- और अब नवीनतम परिवर्तन के बाद तो विभिन मंत्रालयों पर पीएमओ की पूर्ण निगरानी हो गयी है। सूत्रों के मुताबिक इस पद पर अब संघ से संबद्ध लोगो को नियुक्त किया जायेगा।
- राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि अब इस परिवर्तन से मोदी राज में नए मंत्री खुलकर फैसले नही ले पायेंगे। सभी मंत्रालय पर प्रधानमंत्री कार्यालय की कड़ी निगरानी रहेगी।