फोकस भारत। कोरोना महामारी के वर्तमान दौर में कोरोना की दूसरी विनाशकारी लहर के लिए तैयारी करने में घोर असफल रहा है भारत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छवि विदेशी मीडिया ने कोरोना त्रासदी की हैण्डलिंग को बहुत लचर बताया है। राजनीतिक पंडित कहते है कि ये बेहद हैरान कर देने वाली बात है कि वहीं देश की मीडिया को अभी तक सरकार की हैण्डलिंग में कुछ खास कमी नहीं दिख रही है।
राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि मोदी ने अब की बार, ट्रम्प सरकार का नारा देते हुए डोनाल्ड ट्रम्प के पक्ष में जबरदस्त माहौल बनाया था इस बात को अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन जानते है , राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि राष्ट्रदूत की खबर के मुताबिक पीएम मोदी चाहते है कि अमेरिका से मिलने वाली मदद प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे लेकिन अमेरिका ऐसा करने को तैयार नहीं है। मसलन अमेरिका चाहता है कि अमेरिकन मदद, वो दवा के रुप में हो या फिर ऑक्सीजन भारत के विभिन्न राज्यों की विभिन्न एजेंसियो के माध्यम से पहुंचे। जिससे कि वो मदद ज्यादा प्रभावित राज्यों में समान रुप से वितरित हो सके। यह मदद वहां पहुंचे जहां ज्यादा जरुरत है।
राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि ऐसी आशंका है बाइडन को कि ऐसे बुरे वक्त में भी जब लोग मर रहे है मोदी ऐसा कर सकते है कि विपक्ष शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करे। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या यह इस बात का संकेत है कि मोदी पर पूरा भरोसा नहीं है कि वो भाजपा व गैर भाजपा राज्यों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने में राजनीति नहीं करेंगे ?