फोकस भारत। राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता पॉक्सो न्यायालय ने 7 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के मात्र 11 माह पुराने मामले में त्वरित फैसला करते हुए आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में उसे सात से दस वर्ष तथा आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए पांच लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है।
ऐसे हुई घटना
दरअसल प्रकरण के अनुसार मकराना के निकट जूसरी गांव में हरिजन बस्ती में 28 जुलाई 2018 को 7 वर्षीय एक मासूम बच्ची अपने भाई बहनों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान पीलवा थानान्तर्गत रिड़ गांव का कानाराम हरिजन पुत्र किशनलाल (30) आया और खेलती हुई 7 वर्षीय बच्ची को एक दुकान पर लेकर चला गया तथा वहां पर बच्ची को कुरकुरे दिलाए और उसे 10 रुपए का लालच देकर एक सूने बाड़े में ले गया तथा वहां दुष्कर्म किया। जब मासूम बच्ची खून से लथपथ होकर वापिस खेल रहे भाई-बहनों के पास आई तो अचानक नीचे जमीन पर गिर गई। इस दौरान पीड़िता का पिता घर में ही था वह दौड़कर मासूम बच्ची के पास गया तो बच्ची ने पूरा घटनाक्रम परिजनों को बताया। इस घटना के बाद मौजूद ग्रामीणों ने आरोपी कानाराम का पीछा करना शुरू किया और उसे तुरंत पकड़ लिया और फिर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया था। पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू की थी।
31 गवाहों के न्यायालय में कराए बयान
थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने 11 सितंबर 2018 को आरोपी कानाराम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में यहां पॉक्सो कोर्ट में चालान पेश कर दिया। इस दौरान अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक दौलतसिंह राठौड़ ने कुल 31 गवाह न्यायालय में पेश कर उनके बयान कलमबद्ध कराए।
जज का स्वागत योग्य फैसला, 11 महीने में सुनाई सजा
मेड़ता पॉक्सो न्यायालय की न्यायाधीश रेखा राठौड़ ने इसे बड़ा अपराध बताया। उन्होंने त्वरित न्याय करते हुए आरोपी कानाराम को आईपीसी की धारा 363 में 7 वर्ष की कैद व 50 हजार का जुर्माना, आईपीसी की धारा 366 में 10 साल की कैद व 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसके अलावा न्यायालय ने आईपीसी की धारा 376 एबी में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए जीवन पर्यन्त जेल में रखने तथा 2 लाख का जुर्माना वसूलने के आदेश दिए और पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 में भी उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए जीवन पर्यन्त जेल में रहने की सजा सुनाई। साथ ही 2 लाख का जुर्माना भी लगाया। इस तरह न्यायालय ने आरोपी को जीवन पर्यन्त यानि जीवन की आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाते हुए 5 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया।
Great 👍very good decision given by the honourable judge Shahiba and all the judiciary need more strong decisions against that such kind of criminals