- 2001 के रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार की आरोपी हैं जया
- समता पार्टी की अध्यक्ष थीं जया
- तहलका डॉट कॉम का था स्टिंग ऑपरेशन
- जार्ज फर्नांडीस को रक्षा मंत्री पद से देना पड़ा था इस्तीफा
फोकस भारत। खबर दिल्ली से है और मामला 20 साल पुराना है। दिल्ली हाईकोर्ट ने जया जेटली की चार साल की सजा पर रोक लगा दी है। इससे पहले दिल्ली की ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दी गई समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली, उनके सहयोगी गोपाल पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी मुरगई को 4-4 साल की कैद की सजा सुनाई थी। 20 साल पहले थर्मल इमेजर खरीद मामले में घोटाला उजागर हुआ था, जिसके तहत इन सभी को आपराधिक षडयंत्र का दोषी पाया गया था। ये पूरा मामला 2001 में तहलका डॉट कॉम पर एक स्टिंग ऑपरेशन- ऑपरेशन वेस्टएंड- के नाम से उजागर हुआ था।
क्या हुआ था 20 साल पहले
तहलका के स्टिंग ऑपरेशन के लिए पत्रकार ने एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधि मैथ्यू सैमुअल का रुप धरा। मामले में डील पक्की हुई तो जर्जा फर्नांडीस के आवास पर सैमुअल ने जया जेटली को 2 लाख रुपए की रिश्वत दे दी, यहीं मुरगई ने 20 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर स्वीकार किये। इस डील में एक और आरोपी थी, नाम था सुरेंदर कुमार सुरेखा, उसे भी 1 लाख की रिश्वत मिली थी, लेकिन वह बाद में सरकारी गवाह बन गई थी। इस मामले में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री रहे जार्ज फर्नांडीस को इस्तीफा देना पड़ गया था। हालांकि भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण की भूमिका पर भी सवाल उठे थे लेकिन उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी।
कैसे हुई डील ?
स्टिंग ऑपरेशन के तहत पत्रकार थर्मल इमेजर की आपूर्ति करने लिए एक कंपनी का प्रतिनिधि बनकर इन लोगों से मिला और इन्हें रिश्वत देकर डील करने पर सहमति की। ये लोग रिश्वत लेने के लिए तैयार भी हो गए। फैसले में कोर्ट ने कहा कि जया जेटली ने वेस्टेंड इंटरनेशनल कंपनी के मैथ्यू सैमुअल से दो लाख रुपए गैर कानूनी तरीके से लिए, मुरगई को 20 हजार रुपए मिले थे।
तीनों पर लगा भ्रष्टाचार और रिश्वत का केस
जेटली, पचेरवाल और मुरगई तीनों पर धारा 120-बी के तहत भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा-9 के तहत रिश्वत लेने का आरोप लगा और वे दोषी भी करार दिये गए। ये डील 25 दिसंबर 2000 को एक होटल के कमरे में हुई थी। रिटायर्ड मेजर जनरल मुरगई ने सैमुअल को उसकी कंपनी के प्रोडक्ट के लिए रक्षा मंत्रालय से ओके करवाने का भरोसा दिया था।
पैसों के लिए संदिग्ध प्रोडक्ट पास करने के आरोपी
एक संदिग्ध कंपनी के प्रोडक्ट का मूल्यांकन पत्र रक्षा मंत्रालय से दिलाने की एवज में मुरगई को 1 लाख की पेशकश की गई थी, जबकि राजनीतिक संरक्षण के लिए जया जेटली को 2 लाख की घूस का ऑफर था। हाईकोर्ट ने इस कथित डील को गैरकानूनी माना।
जार्ज फर्नांडीस की करीबी रहीं जया जेटली
2001 में तहलका ने इस स्टिंग को सबूत की तरह पेश कर दिया। 2006 में तीनों पर आरोप पत्र दाखिल कर दिये गए और 2012 में आरोप तय भी कर दिए गए। अब दिल्ली की एक निचली अदालत ने आज तीनों दोषियों को चार-चार साल की सजा सुनाई थी लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदलात के फैसला पर रोक लगा दी। बता दें कि जया जेटली तत्कालीन डिफेंस मिनिस्टर जॉर्ज फर्नांडीस की करीबी थीं। भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन्होंने समता पार्टी के अध्यक्ष पद से और फर्नांडीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
रिपोर्ट –आशीष मिश्रा।