कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस की नई रणनीति, जानें संविधान के किस अनुच्छेद में है इसका तोड़

फोकस भारत। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि और किसानों से जुड़े बिलों को मंजूरी दे दी है। लेकिन विपक्ष अब भी कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग पर अटल है। मसलन कांग्रेस ने कांगेस शासित प्रदेशों में कृषि संबंधी कानूनों को अप्रभावी बनाने के लिए एक रणनीति बनाई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के शासन वाले प्रदेश सरकारों से कहा है कि वो केंद्र सरकार के कृषि क़ानून को निष्प्रभावी करने के लिए अपने यहां क़ानून लाने की संभावना पर विचार करें।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेश सरकारों को सलाह दी है कि वो संविधान के अनुच्छेद 254(2) के तहत क़ानून पारित करने के संदर्भ में ध्यान दे। संविधान का यह अनुच्छेद राज्य विधानसभाओं को राज्य के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण करने वाले केंद्रीय कानूनों को नकारने के लिए एक कानून पारित करने की अनुमति देता है। संसद के मानसून सत्र में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को दोनों सदनों ने मंज़ूरी दी है।

 

जानें क्या है अनुच्छेद 254 (2)
राज्य के विधान-मंडल द्वारा समवर्ती सूची में प्रगणित किसी विषय के संबंध में बनाई गई विधि में कोई ऐसा उपबंध अंतर्विष्ट है जो संसद द्वारा पहले बनाई गई विधि के या उस विषय के संबंध में किसी विद्यमान विधि के उपबंधों के विरुद्ध है तो यदि ऐसे राज्य के विधान-मंडल द्वारा इस प्रकार बनाई गई विधि को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखा गया है और उस पर उसकी अनुमति मिल गई है तो वह विधि उस राज्य में अभिभावी होगी। परंतु इस खंड की कोई बात संसद को उसी विषय के संबंध में कोई विधि, जिसके अंतर्गत ऐसी विधि है, जो राज्य के विधान-मंडल द्वारा इस प्रकार बनाई गई विधि का परिवर्धन, संशोधन, परिवर्तन या निरसन करती है, किसी भी समय अधिनियमित करने से निवारित नहीं करेगी।