‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन-ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ की बातें अच्छी, पहले अमीर-गरीब की खाई मिटाए सरकार

  • पारदर्शी कराधान-ईमानदार सम्मान मंच की शुरूआत 
  • प्रधानमंत्री मोदी ने की शुरूआत
  • टैक्स सिस्टम को किया जाएगा आसान, टैक्सपेयर का होगा सम्मान

फोकस भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरुआत की है। इस सम्मान मजमून ये है कि अगर आप ईमानदारी से अपना टैक्स भर रहे हैं तो सरकार आपका हौसला बढ़ाएगी, सम्मानित करेगी। कोरोनाकाल में जहां रोजगार जा रहे हैं, उद्योग घाटे में चल रहे हैं, कंपनियां बंद हो रही है और थड़ी-ठेले वालों तक पर मंदी का असर है, ऐसे में जैसा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कोरोना काल में भी भारत में रिकॉर्ड FDI आया है। लेकिन एफडीआई से देश नहीं चलेगा, देश चल रहा है ईमानदारी से टैक्स भरने वालों से और कोरोनाकाल में भी जो लोग सरकार को टैक्स भर रहे हैं, वे निश्चित ही सम्मान के हकदार तो हैं।

टैक्स सिस्टम सुधरेगा, सरल बनेगा- मोदी

प्रधानमंत्री ने पारदर्शी कराधान ईमानदार सम्मान कार्यक्रम के बाद ट्वीट करके कहा कि वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है। इससे पहले पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि इस योजना से कर प्रणाली में सुधार आएगा और उसे सरल बनाने के प्रयासों क बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये कदम ईमानदारी से टैक्स देने वालों को पुरस्कृत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

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ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन-ऑनरिंग द ऑनेस्ट की खास बातें

भारत में यह ढांचागत सुधारों का एक पड़ाव है। टैक्स सिस्टम में इसे नई व्यवस्था भी कहा जा रहा है। फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर अब लागू हो गया है। फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर से नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी। टैक्स बचाने के अब गलत तरीके बीते जमाने की बात हो गई है। पीएम ने कहा कि पॉलिसी स्पष्ट होती है तो ग्रे एरिया कम हो जाते हैं। मोदी ने कहा कि अब टैक्स सिस्टम सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस है। इनकम टैक्स के मामले अब रैंडम तरीके से अधिकारियों को दिये जाएंगे, फेसलेस टीम कौन सी होगी, इसमें कौन अधिकारी होगा इसको भी कंप्यूटर तय करेग। इस सिस्टम से विभाग में दबाव बनाने का मौका खत्म हो जाएगा। टैक्सपेयर्स चार्टर बनने के बाद ईमानदारी से टैक्स भरने वालों का सम्मान किया जाएगा। मोदी ने कहा कि भारत में टैक्स देने वालों की संख्या बेहद कम है, इसलिए देश के लोगों को आत्मचिंतन करना होगा, वैसे 6 साल में 2.5 करोड़ टैक्सपेयर बढ़े भी हैं।

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130 करोड़ में से करदाता सिर्फ डेढ़ करोड़

प्रधानमंत्री ने कहा कि 130 करोड़ लोगों में से सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही टैक्स भर रहे हैं। ये संख्या काफी कम है। हर व्यक्ति को इस पर चिंतन करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त से ही लोग टैक्स देने का संकल्प लें। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 10 लाख का मामला भी कोर्ट में चला जाता है, लेकिन अब हाईकोर्ट में एक-दो करोड़ के मामले ही न्यायालय में जा सकेंगे। अदालत के बाहर ही छोटे मामलों को सुलझाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा कि आयकर विभाग ने इस कार्यक्रम के तहत टैक्सपेयर्स को कई तरह की छूट दी हैं। साथ ही उनके साथ न्याय करने का वादा किया है।

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सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था-खत्म हो इनकम टैक्स

पहले भी कई संस्थाएं इनकम टैक्स व्यवस्था को खत्म करने और ईमानदार टैक्सपेयर का हौसला बढ़ाने की मांग कर चुकी हैं। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी कई बार इनकम टैक्स खत्म करने की वकालत करते रहे हैं। कई बार ये कहा जा चुका है कि इनकम टैक्स भरने वाले का सम्मान दूर, बल्कि उसे प्रताड़ना ही किया जाता है।

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कैसे बदल रहा है टैक्स सिस्टम

भारत में 5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं भरा जाता। नोटबंदी के बाद डिजिटल लेन-देन  बढ़ा है। कोरोनाकाल में भी टैक्सपेयर के लिए टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। रिटर्न भरने की समय सीमा बढाकर भी राहत दी गई। साथ ही करदाताओं के हाथों में नकद का प्रवाह बढाने के लिए भी कई तरह के रिफंड जारी किये गए हैं।

बहरहाल, भारत में फिलहाल डेढ़ करोड़ टैक्सपेयर हैं, जनसंख्या के अनुपात में यह बहुत कम है। ऐसे में प्रतिव्यक्ति आय और धन का समान वितरण बेहद जरूरी है। सरकारों को इस तरह के सम्मान योजना लांच करने के साथ साथ ये भी ध्यान देना चाहिए कि संकट काल में विकासशील देशों में गरीब और ज्यादा गरीब न हो जाए और अमीर लगातार अमीर न होता जाए। अमीर गरीब की खाई को पाटना भी जटिल कार्य है और इस कार्य को प्राथमिकता देकर सुगमता से किया जाना चाहिए।

 

रिपोर्ट – आशीष मिश्रा