राज्यपाल को हटाने की मांग, पिटिशन दाखिल

  • मुख्यमंत्री गहलोत ने की पीएम से फोन पर बात
  • राज्यपाल ने फिर लौटाई फाइल

फोकस भारत। राजस्थान में सियासी ड्रामा थम नहीं रहा है। आपसी कलह और खींचतान अब राजभवन के रास्ते एक बार फिर हाईकोर्ट जा पहुंची है। राज्यपाल कलराज मिश्र को हटाए जाने को लेकर एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दर्ज की गई है। याचिका में केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है। यह याचिका वकील शांतनु पारीक की ओर से दी गई है। अधिवक्ता ने याचिका में कहा है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग से संबंधित संशोधित प्रस्ताव मिलने के बाद भी राज्यपाल सत्र को आहूत करने में आनाकानी कर रहे हैं, ऐसा कर के राज्यपाल संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजभवन के इस रुख से परेशान नजर आए। आज फेयरमोंट होटल में वे काले मास्क के साथ दिखे। इसे सीएम के विरोध अभिव्यक्त करने के तरीके के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री आमतौर पर परेशान नहीं होते लेकिन विधानसभा सत्र के प्रस्ताव और बार बार पड़ रही रुकावटों की वजह से वे परेशान हो गए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने दूरभाष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। दरअसल, आज सुबह राज्यपाल ने कुछ एतराज के साथ फाइल दोबारा लौटा दी। पहले यह चर्चा थी कि कुछ शर्तों के साथ राज्यपाल ने सदन आहूत करने की परमीशन दे दी है।

राजनीति विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में हालात राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ रहे हैं, बस इंतजार यह किया जा रहा है कि व्यथित होकर गहलोत खेमा राजभवन के खिलाफ फिर कोई हरकत करे। नए प्रस्ताव की फाइल को राजभवन की ओर से संसदीय कार्य विभाग को भेजा गया है। सदन आहूत करने को लेकर कुछ सवाल पूछे गए हैं। हालांकि राज्यपाल की ओर से स्पष्ट इनकार नहीं किया गया है लेकिन आज्ञा भी नहीं दी गई है। राज्यपाल ने दूसरी बार भी मंजूरी नहीं दी इसका स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, वैसे संविधान के जानकार कहते हैं कि कैबिनेट की तरफ से दूसरी बार आए प्रस्ताव को राज्यपाल द्वारा स्वीकार करना ही पड़ता है।

रिपोर्ट – फोकस भारत