LAC पर भारी संकट, देशभक्त मीडिया चिल्ला रही ‘रिया रिया’

  • एलएसी पर चली गोलियां
  • चीन ने कहा- भारत ने समझौता तोड़ा
  • राम माधव ने क्यों डिलीट किये ट्वीट ?

फोकस भारत। भारत चीन सीमा यानी एलएसी पर हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं, चीनी सेना का आरोप है कि 7 सितम्बर को भारतीय सेना के जवानों ने फायरिंग कर द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया है। वहीं स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवान की शहादत भी चीन की दुखती रग पर चोट की तरह साबित हो रही है। थल सेना प्रमुख कह चुके हैं एलएसी पर हालात बेहद गंभीर हैं। ऐसे में भारतीय मीडिया या कथित राष्ट्रभक्त मीडिया सिर्फ और सिर्फ रिया की गिरफ्तारी को इतना कवरेज क्यों दे रही है। क्या मीडिया पर यह दवाब है कि वह चीन की हरकतों पर पर्दा डालकर रखे, कोई ऐसी खबरों का प्रसारण न करे की चीन बेहद खफा हो जाए।

चीन की मुखालफत पाकिस्तान की तरह क्यों नहीं करती सरकार ?

क्या चीन को लेकर भारतीय सरकार को सोच साफ नहीं है। भारत चीन को दोस्त मानता है, ताकतवर मानता है या दुश्मन मानता है। भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता पाकिस्तान का नाम खुलकर लेते हैं लेकिन चीन का सवाल आने पर वे खुलकर चीन का जिक्र नहीं करते । प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी लद्दाख यात्रा के दौरान विस्तारवादी नीति का जिक्र तो किया लेकिन चीन का नाम नहीं लिया। तो सवाल ये क्या भारत चीन से डरता है?

खुलकर चीन का विरोध क्यों नहीं ?

इस एक सवाल के कई पहलू हैं। एक तथ्य ये है कि भारत के अधिकतर न्यूज चैनलों पर कथित तौर पर ‘गोदी मीडिया’ होने का ठप्पा लगा है। राष्ट्रवादी और देशभक्ति की बात करने वाले इन चैनलों पर अधिकतर समय लद्दाख को लेकर खबरों का प्रसारण किया जाता है और अधिकतर में भारतीय सेना की ताकत का जिक्र होता है। लेकिन चीन को लेकर भारत की विदेश नीति शायद अभी तक तय ही नहीं है। संभव है इसीलिए प्रधानमंत्री खुद इस बात  से मुकर गए थे कि चीन की सेना ने भारतीय क्षेत्र का अतिक्रमण किया है। हालांकि बाद में रक्षा मंत्रालय और भारतीय सेना ने इसे स्वीकार किया लेकिन दस्तावेज हटा दिए गए। क्यों भारत सरकार खुलकर चीन का विरोध नहीं कर पा रही है ?

क्या चीन के डर से राम माधव ने डिलीट किया ट्वीट ?

भारत सरकार का डर पार्टी के महासचिव और दिग्गज नेता राम माधव के रूप में दिखा है। दरअसल राम माधव स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवान तेनजिंग की शहादत को सलामी दी और अंतिम यात्रा में भी शामिल हुए थे। ये तस्वीरें और एक ट्वीट उन्होंने ट्वीटर पर लिखकर अपनी संवेदना और देशप्रेम भी जाहिर किया। लेकिन एक घंटे बाद राम माधव ने ट्वीट को डिलीट कर दिया। सवाय ये कि ट्वीट तो अच्छा था, भारतीय सेना के जवान शहीद को नमन करने वाला ट्वीट डिलीट करने की क्या जरूरत आ गई थी ? खबर की गहराई में जाएं तो पता लगेगा कि स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवान तिब्बती शरणार्थी हैं और यह फोर्स रॉ के साथ मिलकर भारतीय सीमाओं की रक्षा के लिए काम करती है। यह सीधे पीएमओ को रिपोर्ट करती है। चूंकी तिब्बत पर चीन का कब्जा है और भारत ने तिब्बतियों और तिब्बती गुरू दलाई लामा को शरण देकर चीन से दुश्मनी मोल ली थी, लिहाजा  तिब्बती जवान को पहली बार सार्वजनिक तौर  पर भारत की ओर से दी गई श्रद्धाजंलि चीन को उकसाने के लिए काफी थी। क्या रक्षा मंत्रालय और भारत सरकार राम माधव के इस ट्वीट के कारण असहज महसूस कर रही थी ?

सीमा संकट पर रिया को तरजीह क्यों दे रही मीडिया ?

मीडिया का रोल भी चीन से रिश्तों को लेकर अहम हो जाता है। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। खबर है कि भारत की ओर से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों पर गोलियां चलाई गई हैं। जबकि दोनों देशों के बीच एलएसी पर हथियार का इस्तेमाल नहीं करने का समझौता है। इस तरह चीन के साथ यह फायरिंग 45 साल बाद सरअंजाम हुई है जिसके बाद हालात युद्ध के बन रहे हैं। दावा है कि 7 सितंबर को एक बार फिर भारत और चीनी सैनिकों की झडप हुई है। चीन की ओर से कहा गया है कि भारत के सैनिकों ने गोलियां चलाकर द्वीपक्षीय समझौते का उल्लंघन किया है। वहीं, भारतीय सूत्रों का दावा है कि चीनी सैनिक एक बार फिर गलवान जैसी हिंसा करना चाहते थे। ये घटना पैंगोंग सो झील के दक्षिणी किनारे पर हुई।  चीन के पश्चिमी थिएटर कमांड की ओर से आरोप लगाए गए कि उसके सैनिक सिर्फ बातचीत के लिए गए थे लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन पर गोलीबारी की। भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है कि चीन के सैनिक मुखपारी चोटी पर कब्जा करना चाहते थे और गलवान जैसी घटना दोहराना चाहते थे, लिहाजा बचाव में हवा में गोलियां चलानी पड़ी।

कुल मिलाकर हो सकता है जैसे राम माधव की कोई मजबूरी रही हो, वैसे ही भारतीय मीडिया की भी कोई मजबूरी हो कि सीमा पर तनाव के गंभीर हालात पर वह रिया की गिरफ्तारी को तवज्जो दे। देशभक्ति की मिसाल कायम करने वाली मिडिया आखिर क्यों उन हालात को जाहिर करने से बच रही है कि चीन नाराज हो बैठे, और अगर भारत सरकार चीन की आंख से आंख मिला ही रही है तो राम माधव को ट्वीट डिलीट करने की क्या जरूरत थी ?

रिपोर्ट- आशीष मिश्रा