फोकस भारत। हज की यात्रा एक मुसलमान के लिए आखिरी तमन्ना होती है। हज करके वह हाजी हो जाना चाहता है। मक्का में इन्हीं दिनों हज यात्रा में दुनियाभर से शरीक लोगों को जमावड़ी लगता है। इस्लाम में जो इस्तिताह हैं जो मुस्ताती हो जाना चाहता है। आप बस यूं समझें कि जो सक्षम है वो हज करना चाहता है।
29 जुलाई से हज यात्रा
इस साल मुसलमानों की यह पवित्र यात्रा 29 जुलाई से शुरू होगी। मक्का में ये दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय जमावड़ा होता है। लेकिन कोरोना वायरस दुनिया की तमाम आस्थाओं-परंपराओं से छेड़खानी करने की ज़िद लिए बैठा है। हर साल इन्हीं दिनों मक्का में तकरीबन 25 लाख लोग इकट्ठे होते हैं।
इस बार सिर्फ 1000 हज यात्रियों को इजाजत
कोरोना के कारण दुनियाभर के हज यात्रा करने के इच्छुक लोगों को मायूसी हाथ लगी है। सऊदी अरब प्रशासन ने इस बार सिर्फ एक हजार मुस्लिमों को ही हज यात्रा करने की इजाजत दी है। इनमें भी सिर्फ सउदी के मुसलमान ही 29 जुलाई से शुरू होने वाली हज यात्रा का हिस्सा हो जाएंगे। हालांकि सउदी अरब में रहने वाले प्रवासी मुस्लिम भी इजाजत मिलने के बाद यह यात्रा कर सकते हैं।
कोरोना ने बदलवाए नियम
सउदी अरब में ढाई लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हैं, इनमें से ढाई हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है। ऐसे में हज से जुड़ा प्रशासन देखने वाले अफसरों ने यात्रियों की संख्या तय कर दी है, पहले कहा जा रहा था कि दस हजार लोगों को यह परमीशन दी जा सकती है, लेकिन अब सिर्फ हजार लोग ही इस साल हज यात्रा कर सकेंगे। इनमें भी किसी भी यात्री की उम्र 65 से ऊपर नहीं होनी चाहिए और किसी को भी गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए।
रिपोर्ट- आशीष मिश्रा