फोकस भारत। राजधानी नई दिल्ली में बनाए जा रहे नए संसद भवन की योजना की गुरुवार को आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि नए संसद भवन की कोई जरुरत नहीं थी। यह पैसा अभी किसानों को दिया जाना चाहिए। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की नींव रखी, जिसमें आधुनिक सुख सुविधाएं होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। लिहाजा भारत को भले ही सिर्फ 93 साल में ही नए संसद भवन का निर्माण कराना पड़ रहा है लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां संसद भवन की इमारतें सदियों पुरानी हैं। भारत का संसद भवन अभी सिर्फ 93 साल का ही हुआ है लेकिन नीदरलैंड के संसद की इमारत द बिन्नेनहोफ सबसे पुरानी मानी जाती है जिसका इस्तेमाल अभी हो रहा है, हेग शहर में बने इस भवन का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था।
अमेरिका के संसद भवन का निर्माण सन 1800 में पूरा हुआ था और इसे नॉर्थ और साउथ अमेरिका में सबसे पुराना संसद भवन माना जाता है। वहीं ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन और हाउस ऑफ लॉर्ड्स का निर्माण क्रमश: 1840 और 1870 में हुआ था।चीन का ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल 1959 में बनकर तैयार हुआ। मसलन इन देशों की तुलना में भारत का संसद भवन काफी नया है जिसे 93 साल पहले अंग्रेजों ने 83 लाख रुपये में बनवाया था. संसद भवन का डिजाइन उस दौर से मशहूर ब्रिटिश वास्तुविद एडविन के लुटियन ने साल 1912-13 में बनाया था। इसका निर्माण 1921,से 1927 के बीच हुआ था.। 1927 में इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने किया था।