राज्यपाल की भूमिका पर संदेह, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

  • भीनमाल कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे डीएम कार्यालय
  • राज्यपाल की भूमिका पर संदेह
  • राष्ट्रपति के नाम डीएम कौ सौंपा ज्ञापन

जालोर, फोकस भारत । राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की साजिश के विरोध में शुक्रवार शाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उपखंड अधिकारी अवधेश मीणा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि राजस्थान के राज्यपाल इस सियासी संकट में निष्पक्ष भूमिका निभाने की बजाय मोदी सरकार के इशारे पर संदिग्ध भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग रखी कि वो विधायकों की खरीद फरोख्त, सरकार को गिराने की साजिश और केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग रोकने को लेकर केंद्र सरकार को हिदायत दें। कांग्रेस नेता एडवोकेट श्रवण सिंह राठौड़ और नगर पालिका के उपाध्यक्ष प्रेमराज बोहरा के नेतृत्व में भीनमाल में उपखंड को यह ज्ञापन सौंपा । इस दौरान  बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और भीनमाल के प्रबुद्धजन उपस्तिथ रहे।

 

 

श्रवण सिंह राठौड़, कांग्रेस नेता

इस दौरान कांग्रेस नेता एडवोकेट श्रवण सिंह राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि – ‘राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने को लेकर साजिश चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल महोदय से विधायकों के साथ शुक्रवार को राजभवन जाकर मिले है, मगर लगता है कि राज्यपाल महोदय केन्द्र सरकार के इशारे पर कार्य कर रहे हैं। राज्यपाल की भूमिका संदिग्ध है, जिनकी भूमिका पर आमजन को शक है कि वे निष्पक्ष व निष्ठा के साथ अपने पद और कर्तव्य का निर्वहन करेंगे। इसलिए राज्यपाल महोदय को अपने पद की गरिमा व निष्ठा से कार्य करने हेतु हिदायत दिया जाना आवश्यक है।’

राठौड़ ने कहा कि वर्तमान समय में हमारे देश प्रदेश सहित पूरी दुनिया कोरोना रूपी महामारी का सामना कर रही है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार के कुशल प्रबन्धन से इस पर काफी हद तक नियंत्रण पाया है, इसके साथ ही लाॅकडाउन के दौरान और उसके बाद भी जरूरतमंदों की सहायता के लिये राजस्थान सरकार ने महत्वपूर्ण योजना लाकर आमजन का राहत पहुंचाई है। ऐसे समय में केन्द्र सरकार और बीजेपी के इशारे पर पूर्ण बहुमत से निर्वाचित सरकार का अस्थिर करने क प्रयास लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कदम है।

ऐसी विकट परिस्थिति के समय केन्द्र सरकार की ओर से सी.बी.आई, ईडी और इन्कम टैक्स जैसी सरकारी ऐजेंसियों से राजस्थान में कांग्रेस नेताओं के यहां छापे की कार्यवाही करवाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का यह तानाशाही रवैया असहनीय है। यह विषय राजस्थान के आमजन की भावना से जुड़ा हुआ है, केन्द्र सरकार और बीजेपी के इस रवैये से प्रदेश की जनता एवं कांग्रेसजनों में भारी रोष व्याप्त है। राठौड़ ने राष्ट्रपति से मांग की कि केंद्रीय सरकारी ऐजेंसी के दुरूपयोग पर रोक लगाने के साथ ही देश प्रदेश में लोकतन्त्र की रक्षा के लिए आवश्यक एवं ठोस कदम उठावें।
इस दौरान नगर पालिका के उपाध्यक्ष प्रेमराज बोहरा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार की साजिश के खिलाफ हम सब सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरी पार्टी इस मुद्दे पर एकजुट है।

अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे भी लगे :- ज्ञापन के बाद कांग्रेस पार्टी के समर्थकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में नारेबाजी भी की गई। इस दौरान कांग्रेस नेता योगेंद्र सिंह दहिया, एडवोकेट ईश्वर सिंह देवड़ा, शिव नारायण विश्नोई, एडवोकेट अजमत अली खान, कांग्रेस नेता सीएल गहलोत, इकबाल खान बाली, पूर्व सरपंच अजीत सिंह बाली, कांग्रेस के पंचायत समिति के पूर्व सदस्य हरदान सिंह चौहान भागल सेफ्टा, एडवोकेट श्रवण ढाका, एडवोकेट आशु सिंह सेरना, एडवोकेट पृथ्वी सिंह बागोड़ा, एडवोकेट कानाराम देवासी, सांवलाराम सैन बाली, व्यवसायी पारसराम माली, युवा नेता हीराराम जीनगर आदि इस दौरान मौजूद थे।

रिपोर्ट- फोकस भारत।