अब सीधा मुकाबला राहुल बनाम गहलोत का ?

  • अब लड़ाई एकछत्र और क्षत्रप की ?
  • सीधा मुकाबला गहलोत vs राहुल का !
  • सचिन पर राज्य कांग्रेस और शीर्ष कांग्रेस में ठनी !
  • सचिन के समर्थन में आलाकमान समेत कई नेता
  • राहुल के रुख के बाद क्या लौटेंगे सचिन ?
  • आलाकमान की तरफ से अहमद पटेल कर रहे बात

 

फोकस भारत। राजस्थान में एसओजी के एक नोटिस के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ मानेसर जाकर बैठ गए। अभी तक वे कोपभवन में हैं, लेकिन आलाकमान ने हार नहीं मानी है, उसे सचिन के लौटने की उम्मीद है और अब ठंडे छींटे मारे जा रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि कहानी में नया ट्विस्ट आया है, अब राजस्थान के सियासी संकट की यह लड़ाई एकछत्र गांधी परिवार और क्षत्रप अशोक गहलोत के बीच की है ?

सचिन को मौका, गहलोत से नाराजगी

विश्वस्त सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी सचिन पायलट को कांग्रेस में लौटने का मौका देना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने गांधी परिवार के विश्वसनीय नेता अहमद पटेल को सचिन को मनाने की जिम्मेदारी दी है। साथ ही आलाकमान ने इस मामले में अशोक गहलोत के रुख पर भी मन कड़ा किया है। खबरें हैं कि राहुल गांधी अशोक गहलोत के उस बयान से खफा हैं जिसमें उन्होंने कहा कि सचिन ने खुद भाजपा से डील किया और इसके सबूत उनके पास हैं। यही कारण था कि रणदीप सुरजेवाला बार-बार कह रहे थे कि सचिन के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं। सिर्फ सचिन ही नहीं, कांग्रेस आलाकमान मुकेश भाकर को भी दूसरा मौका देना चाहता है।

दिग्गजों ने किया आलाकमान के नर्म रुख का स्वागत

राहुल गांधी के अलावा प्रियंका वाड्रा, रणदीप सुरजेवाला, अहमद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, प्रिया दत्त, मार्गरेट अल्वा, जयराम रमेश और शशि थरूर जैसे नेताओं ने सचिन के मामले में गांधी परिवार के नर्म रूख का स्वागत किया है और चाहते हैं कि सचिन की कांग्रेस में वापसी हो। माना जा रहा है कि सचिन अगर राहुल  की बात मानकर बिना शर्त लौट आते हैं तो उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। ये बड़ी जिम्मेदारी क्या है ये आने वाला वक्त बताएगा।

सचिन अड़े तो सहानुभूति नहीं

फिलहाल, सचिन पायलट के तेवर अब तक ढीले नहीं पड़े। प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार हुई बयानबाजी के कारण उन्होंने और ज्यादा तल्खी अपना ली। उन्होंने विधायक दल की बैठक में पारित हुए कारण बताओ नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया है, हो सकता है कि वे आलाकमान को लिखित में अपनी बात स्पष्ट करें। उन्हें स्पीकर सीपी जोशी की ओर से 17 जुलाई यानी कल तक का वक्त दिया गया है।

आलाकमान पर आई बात, अब होगा फैसला

इस पूरे प्रकरण में कपिल सिब्बल और कई दिग्गज कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान पर कमजोर होने का आरोप मढा था। यूं भी ज्योतिरादित्य, मिलिंद देवड़ा, सचिन पायलट जैसे युवा नेताओं को राहुल गांधी की टीम के तौर पर देखा जाता था, इसलिए राहुल गांधी के लिए यह मुद्दा अब नाक का सवाल  भी है। सचिन के बागी तेवर के बीच अशोक तंवर, प्रद्युत माणिक्य, हिमंत बिस्वा, ज्योतिरादित्य जैसे नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान की भरपूर आलोचना की थी। लिहाजा, सचिन पायलट अगर कांग्रेस में वापसी करते हैं तो कांग्रेस आलाकमान के लिए यह अग्निपरीक्षा में जीत जैसा होगा।

रिपोर्ट – आशीष मिश्रा

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