- राजस्थान का सियासी संकट
- ज्योतिरादित्य सिंधिया की खास भूमिका !
फोकस भारत। राजस्थान में सियासी भूचाल की स्क्रिप्ट क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखी ? ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि राजस्थान में राजनीतिक संकट में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ही अब भाजपा की ओर से पूरे मामले को अपने हाथ में लिए हुए हैं और सचिन पायलट के साथ संपर्क में हैं।
गौरतलब है कि 10 जुलाई को सचिन पायलट को जब एसओजी के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक लेवल के अधिकारी का नोटिस गया तो वे उखड़ गए और दिल्ली रवाना हो गए। सचिन की नाराजगी इसलिए भी है क्योंकि उन्होंने हमेशा गुटबाजी के आरोपों का खंडन किया था लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद एसओजी को मिली टेप रिकॉर्ड के आधार पर सचिन पर दबाव बनाने चले तो उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ। इधर, राजस्थान में गहलोत भारतीय जनता पार्टी पर बकरा मंडी में बकरे खरीदने का आरोप लगा रहे थे और उधर सचिन पायलट दिल्ली पहुंचकर नए सियासी समीकरण गढ़ रहे थे।
कुल मिलाकर सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सोमवार को अमित शाह और पायलट की मुलाकात हो सकती है। तब तक राजस्थान की राजनीति पर नजर रखी जाएगी। ये भी कहा जा रहा है कि जब तक पायलट समर्थिक सभी विधायक-मंत्री दिल्ली में इकट्ठा नहीं हो जाते तब तक बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिति में रहेगी। अंदेशा है कि सोमवार रात तक पायलट अपने समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। इस दौरान पायलट और उनके असंतुष्ट समर्थकों को संभालने की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीएम आवास पर विधायकों और मंत्रियों की मीटिंग करने वाले हैं, साथ ही प्रदेश में बन रहे हालात से निपटने पर भी चर्चा की जाएगी। इस दौरान उन विधायकों-मंत्रियों पर खास नजर रखी जा रही है जो पायलट के खेम में जा सकते हैं। फिलहाल राजस्थान का बॉर्डर सील है और अब सरकार अपनों पर ही नजर गड़ाए हुए है।
रिपोर्ट- आशीष मिश्रा