Deoliya Kalan Festival 2024-देवलिया कलां फेस्टिवल का उत्साह ऐसा कि पूरा गांव एक दिन पहले ही मिट्टी के दीयों की रोशनी से जगमग कर रहा था । घर के बाहर पारम्परिक अंदाज में मांडने और रंगोली बनाई गई ग्रामीण महिलाओं द्वारा जिसकी प्रशंसा देसी-विदेश पर्यटको ने की। ग्रामीणों ने बताया कि देवलिया कलां फेस्टिवल हम सभी ग्रामवासियों के गर्व का पर्व है।
देवलिया कलां उपखण्ड भिनाय के देवलिया कलां ग्राम में फोकस भारत मीडिया और फोकस फाउंडेशन के तत्वाधान में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने तथा राजस्थान की कला साहित्य-संस्कृति” के समागम और ग्रामीण विकास के दृष्टिगत देवलिया कलां फेस्टिवल 2024 का बेहतरीन आयोजन हुआ जिसमें ग्राम स्वराज आत्मनिर्भर गांव आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को सार्थक बनाने की दिशा में फोकस भारत मीडिया और फोकस फाउंडेशन की ओर से आयोजन किया गया।आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न गाँवों से करीब 5 हजार ग्रामीण लोग उपस्थित रहे जिसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा देखने को मिली।
महिलाओं के सम्मान की जब बात आए तो देवलिया कलां का नाम आए यही मेरे जीवन का लक्ष्य है-कविता नरुका
फोकस भारत की प्रधान संपादक और आयोजक कविता नरुका ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी के सपने के अनुरुप आत्मनिर्भर गांव आत्मनिर्भर भारत को सार्थक बनाने की दिशा में ये एक छोटा सा कदम है।उन्होंने कहा कि महिलाएं बहुत कुछ कर सकती है यही दिखाना हमारा उद्देश्य है।उन्होंने कहा कि जब हम आईना देखें तो हमारी नजरें नहीं झुकनी चाहिए।यही सोच रखकर महिलाएं और बालिकाएँ आगे बढ़ सकती है।दुनिया चाहे कुछ भी कहे हमें उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए,लोगों का नजरिया बदलेगा। गांव का विकास हो।राजस्थान की कला,साहित्य व संस्कृति का प्रचार हो।एक दिन ऐसा होगा जब देवलिया कलां का नाम महिलाओं के सम्मान के मामले में देश में सबसे अव्वल नंबर पर लिया जाएगा यही मेरा लक्ष्य है।इससे पूर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनीष पटेल व फोकस भारत की प्रधान सम्पादक कविता नरुका विशिष्ट अतिथि बादाम देवी वर्मा,सुमन किन्नर सहित एडवोकेट व पत्रकार डॉ.मनोज आहूजा,राजेश मेहरा, ओमप्रकाश भट्ट,अशोक ठाकुर,देवेंद्र शर्मा ने दीप प्रज्वललित कर कार्यक्रम की विधिवत रूप से शुरुआत की।जिसके पश्चात् राजस्थान की कला व संस्कृति पर फोकस करते हुए एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ हुई जिसे देखकर पांडाल में हजारों की तादाद में मौजूद ग्रामीणों ने तालियां बजाकर कलाकारों का अभिनन्दन किया।सुदेश जांगिड़ की टीम के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत करने के बाद देवरिया के गुर्जरों द्वारा अलगोजा की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई।जिसके पश्चात् राजस्थानी संस्कृति व लोक देवता को समर्पित देवजी की फड़ का वाचन हुआ,सोशल मीडिया पर करोड़ों फॉलोअर्स को साथ लेकर चलने वाली झुंझनू की बाल कलाकार मानवी की डांस प्रस्तुति पर सभी दर्शक झूम उठे,चंदन और भीम ने अवध में राम आए हैं की बेहतरीन प्रस्तुति डफली बजाते हुए देकर राजस्थानी कला व संस्कृति को जीवंत रूप से दर्शन करवा दिए जिसकी सभी ने मंत्र मुग्ध होकर सराहना की गई।इसी बीच विशिष्ट अतिथि के रूप में सुमन किन्नर और उनकी टीम की धुआंधार एंट्री ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।समाजसेवा के क्षेत्र में अव्वल नंबर पर याद रखने वाली समाजसेविका सुमन किन्नर द्वारा कस्तूरबा बालिका छात्रावास को फ्रिज भेंट कर क्षेत्र की जनता जनार्दन को प्रेरणा स्त्रोत के रूप में उदाहरण दिया तो वहीं अपने सम्बोधन में अनाथ व अक्षम बालिका की शादी का खर्चा उठाने की घोषणा करने से पांडाल में मौजूद हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने तालियां बजाकर अभिनन्दन किया
देश की सभ्यता व संस्कृति को बचाने के लिए ऐसे कार्यक्रम होना जरुरी-बादाम देवी वर्मा
इसी बीच कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि बादाम देवी वर्मा ने सम्बोधन करते हुए फोकस भारत का विजन बताते हुए आयोजक कविता नरुका द्वारा किये गए कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि हमारे देश व प्रदेश की संस्कृति को बचाने के लिए ऐसे कार्यक्रम होना आवश्यक बताते हुए हजारों की तादाद में मौजूद महिलाओं की उपस्थिति को कार्यक्रम की सफलता का मूल मंत्र बताया तथा बेहतरीन और सफल आयोजन के लिए कविता नरुका को बधाई व शुभकामनायें दी।
राजस्थान के सबसे बड़े ग्रामीण महोत्सव देवलिया कलां फेस्टिवल में राजस्थानी संस्कृति से सरोबार हुए हजारों ग्रामीण
कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुए मोरनी बागाँ में बोले आधी रात मां के साथ साथ चिरमी रा दाना चार का चरी पर नृत्य प्रस्तुत कर राजस्थानी संस्कृति को पूरी तरह से दृश्यमान कर दिया।इसी बीच कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं को देवलिया कला अवार्ड से सम्मानित भी किया गया जिसमें रामस्वरूप छीपा,डॉ.मनोज आहूजा, कमलेश आचार्य, हेमराज सैन,मनीष छीपा,कोमल उपाध्याय,अजय जैन सहित अन्य को विभिन्न क्षेत्रों में समाजसेवा करने के लिए स्मृति चिन्ह भेंट कर माला पहनाकर अभिनन्दन किया गया।कार्यक्रम की मुख्य आकर्षक पदम श्री अवार्ड से सम्मानित गुलाबो की पुत्री द्वारा निम्बूड़ा निम्बूड़ा डांस प्रस्तुत कर सबको नाचने पर मजबूर कर दिया तो वहीं कार्यक्रम के अंत में गुलाबो ने राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी जिसे दर्शक देखने के लिए बार बार आगे आकर देखने लगे तो कुछ महिलाएं भी नाचने लगी। काल्यो कूद पड़यो रे मेला में गीत पर प्रस्तुत नृत्य को देखकर उपस्थित दर्शकों ने कार्यक्रम की जमकर तारीफ की।कार्यक्रम के दौरान ही मंच संचालन कर रहे सज्जन द्वारा गत वर्षो में किये गए कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए सफल आयोजन की जानकारी लाखों करोडों लोगों तक पहुँचाने के लिए मीडिया की सराहनीय भूमिका की तारीफ करते हुए मीडिया कर्मी राजेश मेहरा,ओमप्रकाश भट्ट, अशोक ठाकुर,देवेंद्र शर्मा,आशीष मेवाड़ा,रितेश मिश्रा को स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनन्दन किया।कार्यक्रम में मुख्य आकर्षक के रूप में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित हो चुकी गुलाबो सपेरा ने अपनी तीन पीढ़ियों के साथ गुलाबो सपेरा मंच पर ऐतिहासिक प्रस्तुति दी जो राजस्थान के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।इसके अलावा भी कार्यक्रम में अलगोचा कलाकार, मांगणियार कलाकार,कत्थक नृत्य जैसी लोक कलाओं की प्रस्तुतियां देखने को मिली।देवलिया कलां फेस्टिवल में खास बात ये देखने को भी मिली कि,ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने के लिए गांव में होम स्टे देखने को मिला जिसमें ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और ग्रामीण-शहरी संस्कृति का आदान-प्रदान भी होगा।महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निशुल्क सिलाई मशीन दी गई तो हस्तशिल्प मेले का भी आयोजन किया हुआ।छात्र-छात्राओं को निशुल्क शिक्षण सामाग्री वितरित की गई।ग्रामीण महिलाओं द्वारा सामूहिक लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई।निशुल्क हेल्थ केम्प लगाया गया।राजस्थान और केन्द्र सरकार की योजनाओं की स्टॉल लगाई गई इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को देवलिया कलां अवॉर्ड से नवाजा गया।
लोक कलाकारों की ऐतिहासिक प्रस्तुति
पद्मश्री गुलाबो सपेरा पिछले दो सालों से देवलिया कलां फेस्टिवल में प्रस्तुति दे रही है, इस बार भी 11 फरवरी को अपनी तीन पीढ़ियों के साथ गुलाबो सपेरा ने मंच पर ऐतिहासिक प्रस्तुति दी। इसके अलावा देवरिया के अलगोचा कलाकार, मांगणियार कलाकार, डॉ दृष्टि रॉय ने कत्थक नृत्य और झुंझुनूं की नन्ही कलाकार मानवी ने दी मनमोहक प्रस्तुति।
देवलिया कलां फेस्टिवल में खास
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने के लिए गांव में होम स्टे रखा गया है जिसमें ग्रामीणों को रोजगार मिला और ग्रामीण-शहरी संस्कृति का आदान-प्रदान भी दिखा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निशुल्क सिलाई मशीन दी गई, हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं को निशुल्क शिक्षण सामाग्री वितरित की गई, ग्रामीण महिलाओं द्वारा सामूहिक लोकगीतों की प्रस्तुति दी । निशुल्क हेल्थ केम्प लगाया गया। राजस्थान और केन्द्र सरकार की योजनाओं की स्टॉल भी लगाई गई। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को देवलिया कलां अवॉर्ड से नवाजा गया।
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