Bamanwas Assembly Election 2023: दमदार युवा नेता रामअवतार मीणा

Rajasthan Election Conclave-2023 ( मजबूत दावेदारी, मजबूत नेतृत्व)

‘दमदार युवा’: रामअवतार मीणा
 विधानसभा  –  बामनवास 
जिला- सवाईमाधोपुर
पद- प्रदेश मंत्री, भाजपा किसान मोर्चा राजस्थान
मजबूत दावेदारी
Rajasthan Assembly Election 2023: सवाईमाधोपुर जिले की बामनवास  विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता रामअवतार मीणा की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है। इनकी खास पहचान जमीनी नेता की है। सड़कों पर जनता के लिए संघर्ष करते हुए नजर आते है, तो कहीं अनशन, आंदोलन से आमजन को राहत पहुंचा रहे है। किसानों की फसलों के उचित मूल्य से लेकर बारिश की वजह से फसलों के नुकसान से किसान के दर्द को रामअवतार मीणा ने प्रशासन और सरकार तक पहुंचाने का काम किया है। सादगी, सहज  व्यक्तित्व के धनी रामअवतार 24 घंटे जनसेवा के लिए समर्पित नजर आते है।  लगातार क्षेत्र में इनकी सक्रियता इन्हें विशेष पहचान देती है,  क्षेत्रवासियों की जुबान पर रामअवतार मीणा का नाम नजर आ रहा है। किसान, मजदूर, युवा, और महिलाएं सभी के दिलों में विशेष जगह बनाई है, राजनैतिक विश्लेषक कहते है कि जनसेवक रामअवतार मीणा की लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी इन पर भरोसा जताती है तो निश्चित ही मजबूती मिलेगी।

 

 

बौली-बामनवास – राजस्थान विधानसभा के चुनाव ज्यो ज्यो नजदीक आ रहे हैं। चुनावी शतरंज भी जमती नजर आ रही है। आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के क्षत्रप अपना- अपना भाग्य आजमाने के लिए रेस तेज करते नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में हो रहे सगाई- संबंध, शादी -विवाह, जन्मोत्सव, तीए की बैठकें, मुंडन संस्कार सभी में अपनी -अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की होड़ लग रही है। वही बड़े नेताओं के चक्कर लगाना भी शुरू कर दिया है। सब अपना -अपना तर्क देकर दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
सवाई माधोपुर जिले की अनुसूचित जनजाति (एसटी)के लिए आरक्षित हॉट बामनवास सीट पर भाजपा के दावेदारों की संख्या अधिक नजर आ रही है। बौली और बामनवास उपखंडों में बंटे इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2लाख 50 हजार मतदाता हैं। जिनमें लगभग 76 हजार मीणा, 45  हजार  गुर्जर, 42 हजार एससी,15 हजार ब्राह्मण, 15 हजार महाजन,18 हजार माली, 11हजार मुस्लिम,10 हजार राजपूत,  17 हजार अन्य मतदाता वाले क्षेत्र में राजनैतिक दबदबा हमेशा बामनवास क्षेत्र का ही बना रहा है।
वंशवाद,परिवारवाद,क्षेत्रवाद, भाई भतीजावाद, की अमरबेल को बढ़ाते हुए कांग्रेस नमोनारायण मीणा तथा भाजपा कुंजीलाल मीणा के परिवारों पर टिकी रही। जिसका खामियाजा भी राजनीतिक पार्टियों को नया नेतृत्व खड़ा नहीं होने के कारण भुगतना पड़ रहा है। वैसे कांग्रेस ने
बौली क्षेत्र के हीरालाल मीणा व श्रीमती इंदिरा मीणा पर विश्वास किया तो क्षेत्र की जनता ने उन्हें भरपूर प्यार दिया और जीताया।
1 लाख 15 हजार के करीब मतदाता बौली तथा 1लाख 35 हजार मतदाता बामनवास क्षेत्र में निवास करते हैं। भाजपा ने पिछले 45 साल के इतिहास में एक बार भी बौली क्षेत्र में टिकट नहीं दिया है।जिसका कार्यकर्ताओं व क्षेत्र की जनता को आज भी मलाल है। केवल एक परिवार कुंजी लाल मीणा द्वारा क्षेत्र के लोगों को वोट के रूप में इस्तेमाल किया गया है। तथा नया नेतृत्व खड़ा नहीं होने दिया। भाजपा पूरी तरह इस परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। इस कारण पार्टी का जनाधार भी क्षेत्र में कमजोर रहा है। वहीं कांग्रेसी भी एक परिवार के ही इर्द-गिर्द घूमती रही लेकिन तीन बार उसने बौली में टिकट देकर अपना जनाधार एवं विश्वास बढ़ाया है। कांग्रेस से बोली क्षेत्र के हीरा लाल मीणा दो बार विधायक रहे विगत वर्ष 2018 के चुनाव में बौली क्षेत्र की ही एक युवा महिला श्रीमती इंदिरा मीणा को टिकट देकर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी जो कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी जीत तथा भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी हार के रूप में देखी जा रही है। इस चुनाव में भी भाजपा ने परिवारवाद को संरक्षण देते हुए पूर्व विधायक कुंजी लाल मीणा के पुत्र राजेंद्र मीणा को ही टिकट दिया था। जो कांग्रेस  की  युवा  व  तेजतर्रार इंदिरा मीणा के सामने टिक नहीं पाए तथा 25 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे। निर्दलीय नवल किशोर मीणा 37 हजार वोट लेकर दूसरे तथा 72 हजार मत प्राप्त कर इन्दरा मीणा ने 47 हजार से जीत हासिल की। यदि भाजपा भी बौली क्षेत्र से किसी नये चहरे को मौका देती तो कांटे की टक्कर हो सकती थी।
विगत 5 चुनावों में क्षेत्र में चुनावी स्थिति इस प्रकार रही है।- 1998 में भाजपा के दिग्गज नेता डॉक्टर किरोडी लाल मीणा लगभग 10 हजार वोटों से हीरा लाल मीणा को हराकर चुनाव जीते। इस चुनाव में नमोनारायण मीणा के भाई पूर्व मंत्री भरत लाल मीणा निर्दलीय चुनाव लड़े थे। वर्ष 2003 में भाजपा ने पूर्व सांसद कुंजी लाल मीणा को टिकट दिया जिन्हें मात्र 18 हजार वोट मिले। इस चुनाव में हीरालाल मीणा ने लगभग 9 हजार वोटों से जीत हासिल की। 2008 में भाजपा ने फिर कुंजीलाल मीणा को टिकट दिया तो मात्र 12 हजार  वोट मिले कांग्रेस के नवल किशोर मीणा ने इस चुनाव में 39 हजार वोटों से जीत हासिल कर विधायक बने।  2013 में भाजपा ने फिर कुंजी लाल मीणा को ही टिकट दिया इस बार 7 हजार वोटों से जीत हासिल की। इस चुनाव में राजपा प्रत्याशी श्याम लाल मीणा ने 25 हजार  वोट लेकर कांग्रेस को कमजोर कर दिया था। वर्ष  2018 के चुनाव में कांग्रेस ने टिकट            बदलकर युवा एवं बौली क्षेत्र की श्रीमती इंदिरा मीणा को टिकट दिया। जिसने भाजपा की वंश परम्परा के प्रत्याशी कुंजीलाल मीणा के पुत्र राजेंद्र मीणा को 47 हजार वोटों के बढ़े अन्तर से हरा कर जीत हासिल की। इस चुनाव में भाजपा की हार का मुख्य कारण परिवारवाद, वंशवाद, भाई -भतीजावाद ही रहा है। दोनों ही पार्टियां कांग्रेस और भाजपा लंबे समय से क्रमशः नमोनारायण मीणा व कुंजीलाल मीणा के परिवारों को ही टिकट देती आ रही थी जिसे इन्होंने अपने ठेकेदारी व पार्टियों की मजबूरी व कमजोरी मान लिया था। जनता चाह रही थी कि उक्त दोनों परिवारों को छोड़कर जो भी व्यक्ति टिकट लेकर आएगा उसे जिताएंगे। कांग्रेस ने इसका फायदा उठाकर बौली क्षेत्र की इंदिरा मीणा को टिकट दिया और वह जीत गई। इस विधानसभा क्षेत्र में गुर्जर मतदाता सदैव निर्णायक भूमिका में रहे हैं। तथा हार जीत का कारण भी रहे हैं।
वर्तमान में कांग्रेस से वर्तमान विधायक श्रीमती इंदिरा मीणा, पूर्व विधायक नवल किशोर मीणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, संतोष मीणा टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। वहीं भाजपा में जमीनी- संघर्षशील व निष्ठावान 20 वर्षों से लगातार क्षेत्र में किसान- युवाओं,व गरीबों की आवाज बनकर अपने दम पर मुद्दों पर सक्रिय रहने वाले तथा सब से अधिक धरने-प्रदर्शन-व  आंदोलन कर जनता के हक की लड़ाई लड़ने वाले किसान नेता के रूप में संपूर्ण जिले में अपनी अलग पहचान रखने वाले रामअवतार मीणा  (बौली) जो आर एस एस  के भी निष्ठावान कार्यकर्ता है। जिनकी क्षेत्र में जबरदस्त पकड़ भी है सबसे प्रबल व दमदार दावेदार माने जा रहे हैं। जो पिछले तीन चुनावों से अपनी दावेदारी जता रहे हैं।  विगत चुनाव में हार चुके राजेंद्र मीणा अपनी हार से हताश होकर अब अपनी बेटी वर्तमान प्रधान श्रीमती शशि कला मीणा को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। बैटी को प्रधान बनाने से क्षेत्र में गम्भीर नाराजगी देखने को मिल रही है। एसटी मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री मेघराज मीणा, डॉ शिवराज मीणा, डॉ ममता मीणा, केदार लाल मीणा, हरकेश मास्टर, पूर्व प्रधान रेखा मीणा, विमला मीणा भी दौड़ में नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी से राजाराम मीणा भी मैदान में नजर आ रहे हैं।

अबकी बार गुर्जर मतदाता कांग्रेस से नाराज है और भाजपा के पक्ष में मतदान करने को उतावले हैं। वहीं भ्रष्टाचार,कमीशन खोरी, तानाशाही, बजरी माफियाओं, भू माफियाओं, शराब माफियाओं, को संरक्षण देने तथा तबादलों में रिश्वत लेने के आरोपों से चौतरफा घिरी वर्तमान विधायक श्रीमती इंदिरा मीणा की जमीन खिसकती नजर आ रही है। उन्हें इस चुनाव में अपनों से  मुकाबला करते हुए बहुत पसीना बहाना पड़ेगा। यदि भाजपा ने बौली क्षेत्र से किसी  नये युवा चेहरे को  टिकट दे दिया तो फिर इंदिरा मीणा का जितना मुश्किल हो सकता है। पूर्व केंद्रीय नमोनारायण मीणा,व पूर्व विधायक नवल किशोर मीणा भी अनुभव के आधार पर कांग्रेस के लिए दमदार हो सकते हैं। बसपा, आम आदमी पार्टी,लोकतांत्रिक पार्टी सहित अन्य पार्टियों का क्षेत्र में कोई प्रभाव नहीं है। कोई मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी गणित जरूर बिगाड़ सकते है।