‘आपातकाल’ का काला अध्याय लिखने वाले आज लोकतंत्र की बात करते हैं : सतीश पूनियां

Emergency in India- आपातकाल  भारतीय राजनीति का वह काला पन्ना है जिसे देश के लोग किसी बुरे सपने की तरह भूलना चाहते हैं, लेकिन भारत के लोकतंत्र पर लगा यह घाव अभी भी भरा नहीं हैं आज से ठीक 47 साल पहले यानी 25 जून 1975 तारीख को ‘आपातकाल’ लगाया गया था, इस ‘आपातकाल’ के दौर को लेकर बीजेपी आज भी कांग्रेस पर हर साल हमला बोलती है, आज तमाम जिलों में भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को घेरा है, ‘इमरजेंसी’ के दौर को याद करते हुए शनिवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां (Satish Poonia) ने कांग्रेस और प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत को निशाने पर  लिया है

पूनियां ने कहा कि ‘आपातकाल’ के जरिये भारतीय लोकतंत्र और राजनीति में काला अध्याय लिखने वाले आज लोकतंत्र की बात करते हैं। सरकारी संघवाद की बात करते हैं लेकिन भूल जाते हैं कि आपातकाल उन्हीं की देन थी, यह वही लोग हैं जो कहते थे कि लोकतंत्र में समानता, जनमानस बड़ा होता है, लोकतंत्र में सामूहिक नेतृत्व होता है, लोकतंत्र में विचार होता है, लेकिन यह वही लोग हैं जो कहते थे ‘इंदिरा ही इंडिया है’, इंडिया इज इंदिरा, इस तरह की गुलाम और चाटुकारिता की मानसिकता के लोग आज लोकतंत्र की बात करते हैं।

 

 

 

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