कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘जवाबदेही कानून’ लेकिन गहलोत सरकार के 3 साल पूरे होने पर भी वादा ‘अधूरा’

Jawabdehi Kanoon – राजस्थान में एक बार फिर जवाबदेही कानून(Accountability Law) बनाने की मांग उठ गई है। जवाबदेही कानून के तहत प्रदेश के नागरिकों के प्रति सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है। वर्तमान में अधिकतर विभागों में सरकारी कर्मचारी और अधिकारी आमजन के प्रति उदासीनतापूर्ण रवैया रखते हैं। हर काम में टालमटोल का रवैया रहता है। इससे मुक्ति पाने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने का कानून बनना अति आवश्यक है।

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जवाबदेही कानून की जरुरत क्यों
जवाबदेही कानून के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए सोमवार 20 दिसंबर से प्रदेश व्यापी जन जागरण यात्रा की शुरुआत हुई। जयपुर में यात्रा के बाद जवाबदेही कानून की मांग का एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम भेजा गया। सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय (Aruna Roy) ने बताया कि जवाबदेही कानून इसलिए ज़रूरी है,क्योंकि सूचना के अधिकार कानून के तहत सूचना तो बाहर निकल जाती है,लेकिन सबूत पर कार्रवाई नहीं होती है। कार्रवाई करवाने के लिए जवाबदेही बहुत ज़रूरी है। छोटी से लेकर बड़ी बातों तक जवाबदेही नहीं होगी, तो सरकार का काम ठीक से नहीं चल सकती है। हम 80 लाख लोग सूचना लेते हैं। कई लोगों ने जवाबदेही नहीं होने के कारण अपनी जान भी खोयी है। इसलिए बहुत ज़रूरी है कि जवाबदेही हो। अफसर,कर्मचारी, नेता या किसके भी हाथ में सत्ता है, उन्हें जवाबदेह बनाना ज़रूरी है।

क्या ब्यूरोक्रेसी में जवाबदेही नहीं है। क्या अफसर जवाबदेह नहीं हैं ?

अरुणा रॉय कहती है कि बहुत कम जवाबदेह हैं। ब्यूरोक्रेट्स ऑडिटर और अपने सीनियर ऑफिसर के लिए ही जवाबदेह रहते हैं। अगर सीनियर अफसर की भी ईमानदारी पर शक है, तो मिलीभगत हो जाती है। हम चाहते हैं कि संविधान के मूल्यों, हक, रूल ऑफ लॉ और कानूनी व्यवस्था के आधार पर जो सबूत निकलता है, वह सही है या गलत है। इसे लेकर उनके ऊपर ज़िम्मदारी रहे। कोई गलत काम करें, तो कानूनी कार्यवाही का सामना करें।

आगामी 45 दिनों तक सभी 33 जिलों में होगी जागरूकता यात्रा
सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी(Bhanwar Meghwanshi) ने बताया कि जयपुर से शुरू हुई है यात्रा राजस्थान के सभी 33 जिलों में निकाली जाएगी इसमें करीब 45 दिन लगेंगे। इस यात्रा में जिला प्रशासन के साथ बैठकें होगी, स्थानीय मीडिया के साथ सरकार की जवाबदेही को लेकर प्रेस वार्ता की जाएगी तथा प्रबुद्ध नागरिकों कर साथ बैठक की जाएगी। नुक्कड़ नाटक, पर्चे का वितरण, जिला शिकायत दर्ज करना और लोगों के लंबित, और वर्तमान मुद्दों व शिकायतों को प्रशासन के सामने पेश करना आदि गतिविधियां की जाएगी। 2 फरवरी 2022 को फिर से जयपुर में विशाल यात्रा निकाली जाएगी। राजस्थान में सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान मंच के तहत निकाली जा रही “जवाबदेही यात्रा” की शुरूआत 20 दिसंबर को राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक से की गई। बता दें कि यात्रा के लिए ‘आरटीआई ऑन व्हील्स’ नामक एक वैन तैयार की गई है जिसमें हर जिले में स्थानीय संगठन और स्थानीय लोग शामिल हो रहे है। इस अभियान के तहत मुख्य मांग है कि राजस्थान सरकार एक जवाबदेही कानून पारित करे जो नागरिकों के प्रति, सरकारी कर्मचारी, अधिकारी एवं नेताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करें, और नागरिकों को उनकी शिकायतों को दर्ज करने, उनकी शिकायतों के निवारण के समय उन्हें उसमें भाग लेने और समयबद्ध तरीके से उनका निवारण करने का अधिकार प्रदान करे। गौरतलब है कि करीब 65 कार्यकर्ता हर समय यात्रा में साथ रहेंगे जो संवैधानिक, लोकतांत्रिक व मानवाधिकार हकों के क्रियान्वयन, शिक्षा, स्वास्थ्य और कोविड, मनरेगा, राशन, पेंशन, मानवाधिकार, सूचना का अधिकार, खनन, सिलिकोसिस, पर्यावरण, दलित, आदिवासी, बेघर, घुमंतू-अर्द्धघुमंतू और लिंग, आदि मुद्दों के क्षेत्रों में जवाबदेही की मांग उठाई  जा रही है।

कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘जवाबदेही कानून’ लेकिन गहलोत सरकार के 3 साल पूरे होने पर भी वादा ‘अधूरा’
सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव (Kavita Shriwastav)कहती है कि राजस्थान में जवाबदेही कानून लाने की लंबे समय से चल रही है। वर्ष 2016 से लेकर 2018 तक प्रदेशभर में विशेष अभियान भी चला था। बाद में 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस (Ashok Gehlot Government )ने इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। सत्ता में आने के बाद जवाबदेही कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाई गई। इस कमेटी ने मसौदा तैयार करके सरकार को सौंप दिया है। घोषणा पत्र में शामिल किए जाने के बावजूद पिछले 3 साल में कांग्रेस सरकार ने जवाबदेही कानून पारित नहीं किया है। सरकार को उनका वादा याद दिलाने के लिए सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान की ओर से जान जागरूकता यात्रा का आगाज किया है। इस यात्रा में कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, पूर्व पुलिस अधिकारी और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। बता दें कि साल 2016 में इसी अभियान के तहत जवाबदेही कानून के लिए जागरूकता लाने के लिए राज्य के सभी 33 जिलों में 100 दिवसीय यात्रा आयोजित की गई थी। मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी ने 2018 विधानसभा के चुनाव घोषणापत्र (Congress Election Manifesto )में जवाबदेही कानून पारित करने की प्रतिबद्धता को शामिल किया था.।लेकिन सरकार के 3 साल गुजरने के बाद भी जवाबदेही कानून के विधेयक को पारित नहीं किया गया है।