फोकस भारत। ( Transgender Gang Rape ) राजस्थान के जोधपुर(Jodhpur Police) शहर में एक ट्रांसजेंडर(Transgender) के साथ अपहरण, गैंगरेप और मारपीट का मामला सामने आने के बाद से ही मण्डोर थाने की पुलिस इस मामले को दबाने में लगी है। पीड़िता ने फोकस भारत को बताया कि 6 अक्टूबर को उसके घर में सुबह सरोज बाई ने अपने साथ रवि, सोनू युवकों के साथ कुछ अज्ञात लोगों को लेकर घर आई । पीड़िता के साथ मारपीट करने के बाद सरोज बाई के कहने पर रवि और सोनू ने गैंगरेप किया उसके बाद सरोज बाई पीड़िता को जबरदस्ती अपने साथ घर ले गई। मौके से पुलिस ने पीड़िता को सरोज बाई की कैद से छुड़ाया लेकिन पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने एफआईआर में गैंग रेप और अपहरण की धारा नहीं जोड़ी। धारा 154 में मामला दर्ज करके उसे दबाने की कोशिश कर रही है। 13 दिन गुजरने के बाद भी आरोपी खुले आम घूम रहे है। मण्डोर थाने की पुलिस मामले को दबाने में लगी है। पीड़िता के मुताबिक जोधपुर पुलिस कमिश्नर जोश मोहन से मुलाकात के बाद आश्वासन मिला था की इंसाफ होगा और मण्डोर थाने के SHO सुरेश सोनी को गैंग रेप और अपहरण की धारा जोड़ने के लिए फोन किया था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
फोकस भारत ने SHO सुरेश सोनी से टेलीफोनिक बात की तो उन्होंने ये कहकर फोन काट दिया कि हम कार्रवाई कर रहे है। जिसके बाद हमने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के पूर्व डीसीपी भुवन भूषण यादव से बात की तो उन्होंने मामला व्हॉटसअप करने को कहा जब हमने पूरी डिटेल उनको भेजी और दुबारा फोन किया तो ये जवाब दिया कि एसएचओ को कह दिया है मैंने। फोकस भारत ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर जोस मोहन से कई बार टेलीफोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन जवाब नहीं मिला।
आखिर सवाल ये है कि जोधपुर पुलिस जघन्य अपराध को रफा -दफा करने में क्यों लगी है। क्या एक ट्रांसजेंडर के साथ गैंगरेप उनकी नजर में अपराध नहीं है। मसलन अभी भी अपराधी जेल की सलाखों से बाहर खुले आम घूम रहे है। बड़ा सवाल ये भी है कि क्या खाकी का ईमान बिक गया है?