वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव: समीकरण बिगाड़ेगी RLP, कांग्रेस, भाजपा और जनता सेना की राह मुश्किल

फोकस भारत।  ( Hanuman Beniwal Vallabhnagar Vidhan Sabha Byelection Rajasthan RLP Congress BJP Janta Sena)  राजस्थान विधानसभा उपचुनाव ( Byelection Rajasthan )में सबसे हॉट सीट वल्लभनगर (Vallabhnagar Vidhan Sabha) की चर्चा है।  टिकट कटने पर बीजेपी के उदयलाल डांगी बागी हो गए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) से इस सीट पर नामांकन भर दिया है। वल्लभनगर उपचुनाव को लेकर काफी उत्साह है। यह उपचुनाव गजेन्द्र सिहं शक्तावत के निधन के कारण  हो रहा है। दरअसल शक्तावत परिवार में ही टिकट वितरण को लेकर खिंचतान ने इस चुनाव को और भी रोचक बना दिया है।  राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि ढाई लाख से अधिक मतदाताओं  वाले इस विधानसभा सीट  पर इस उपचुनाव में कांग्रेस – भाजपा के साथ ही जनता सेना सुप्रीमों रणधीर सिंह भीण्डर की भी राह आसान नहीं है। क्योंकि भाजपा से बागी और रालोपा प्रत्याशी  उदयलाल डांगी इन दोनों प्रमुख दलों  का चुनावी समीकरण बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

 

राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि अगर जातीय आधार पर बात करे तो तीन प्रत्याशी राजपूत समुदाय से है। विधानसभा क्षेत्र में 30 हजार लगभग राजपूत मतों का इन तीनों में विभाजन सुनिश्चित है।  अब रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवाल इस क्षेत्र में पार्टी और प्रत्याशी के लिए समर्थन जुटाने के लिए दिन रात एक कर रहे है। इस प्रकार उदयलाल डांगी जनता सेना  और भाजपा के मतों को निश्चित  रुप से विभाजित करेंगे। जिससे इन दोनों दलों को निश्चित रुप से मतों का नुकसान होगा। दूसरी और प्रत्याशी परिवर्तन के कारण भाजपा दिग्गज कटारिया भी इस बार स्वयं इस क्षेत्र में भाजपा को कमजोर आंक रहे है। हालांकि प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला के साथ पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया दल -बल के साथ रणक्षेत्र में जुटे हुए है।

 

राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि कांग्रेस को भीतरधात एवं पारिवारिक कलह से सीधा नुकसान दिखाई दे रहा है। प्रीति कंवर जो कि दिवंगत गजेन्द्र सिंह शक्तावत की पत्नी है को सहानुभूति वोटो का ही सहारा है। जिसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है।  पहले टिकट के लिए हुए विवाद से शक्तावत परिवार ही बिखर गया जहां गजेन्द्र सिंह के बड़े भाई देवेन्द्र सिंह शक्तावत, भांजे राज सिंह झाला, रिश्ते में बड़े भाई कुबेर सिंह चावड़ा और बिजनेसमैन भीम सिंह चुंडावत टिकट की दौड़ में पिछड़ गए। ऐसे में भीतरघात की संभावना प्रबल है।