मिशन 2022 के लिए मायावती 2007 के फॉर्मूले पर लौटी, BSP इस फॉर्मूले पर करेंगी काम

फोकस भारत। lucknow bsp supremo mayawati brahmin sammelan social engineering formula mission uttar pradesh 2022 – उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को लेकर सभी राजनीतिक दल इस वक्‍त मजबूत गठबंधन की तलाश के साथ-साथ रणनीति बनाने में मशगूल है।  प्रदेश की सत्‍ता पर काबिज भाजपा ने वाराणसी में पीएम मोदी (PM Modi) के कार्यक्रम के साथ चुनाव का शंखनाद कर दिया है, तो कांग्रेस की राष्‍ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी यूपी में डेरा डाले हुई हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी,  भागीदारी संकल्‍प मोर्चा और बसपा भी अपनी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं।

राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि  यूपी और उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का ऐलान करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) ने एक बार फिर सत्‍ता हासिल करने के लिए दलित, ब्राह्मण और ओबीसी फॉर्मूले पर चलने का फैसला किया है।   ब्राह्मण को फिर से बसपा में लाने के लिए मायावती 23 जुलाई से ब्राह्मण सम्‍मेलन (Brahmin Sammelan) का आगाज करने जा रही हैं।  पहले चरण के तहत 23 जुलाई से लेकर 29 जुलाई तक अयोध्‍या और आसपास के छह जिलों में लगातार ब्राह्मण सम्मेलन किए जाएंगे। दरअसल इसकी जिम्‍मेदारी सांसद सतीश मिश्रा को दी गई है।

 

क्या बसपा 2007 के फॉर्मूले पर
राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि  बीएसपी 2007 के फॉर्मूले पर वापस लौट रही है। वह एक बार फिर दलित, ब्राह्मण और ओबीसी के फॉर्मूले के साथ 2022 चुनाव में उतरेगी। बता दें कि साल 2007 में मायावती ने बड़ी संख्या में ब्राह्मणों को चुनावी मैदान में टिकट देकर उतारा था। बसपा की यह रणनीति सफल भी रही थी और पूर्ण बहुमत के साथ यूपी में सरकार बनाई थी।  जबकि 2012 और 2017 में उन्‍होंने अलग सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूला अपनाया था, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। अब फिर 2007 का फॉर्मूला बसपा को सत्त्ता की चाबी देगा या नही ये तो समय बतायेगा।

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