फोकस भारत। राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों पर आए उपचुनाव के नतीजे प्रदेश भाजपा डॉ. सतीश पूनियां के नेतृत्व को मजबूती देते हुए नजर आ रहे है। राजनीति विश्लेषक का मानना है कि वसुंधरा राजे जब मुख्यमंत्री थी तब प्रदेश में 8 सीटों पर उपचुनाव हुए जिन पर 2 पर भाजपा को विजय हासिल हुई ऐसे में सतीश पूनिया का यह पहला उपचुनाव था प्रदेशाध्यक्ष की कमान संभालने के बाद। जिसमें उन्होनें तीन सीटों में से एक वो सीट जो पहले से ही भाजपा के पास थी उसे बरकरार रखा है। ऐसे में भाजपा को कोई नुकसान नहीं हुआ है। राजनीतिक विश्लेषक आगे कहते है कि इस में कोई शंका नहीं होनी चाहिए कि बीजेपी आलाकमान को भरोसा डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व पर भरोसा बढ़ेगा और 2023 की जमीन तैयार की जाएगी।
राजसमंद में भाजपा ने बचाया अपना गढ़
राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे रविवार को आ गए हैं। दो सीटों पर कांग्रेस, एक पर भाजपा जीती है। सुजानगढ, सहाड़ा सीट पर कांग्रेस और राजसमंद में भाजपा ने जीत दर्ज की। सहाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार गायत्री त्रिवेदी और सुजानगगढ़ सीट से मनोज मेघवाल ने जीत दर्ज की वहीं राजसमंद से भाजपा उम्मीदवार किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी ने विजय हासिल की।
कांग्रेस-भाजपा जहां थे वहीं, न किसी को नफा न नुकसान
राजस्थान विधानसभा में संख्या बल में कांग्रेस और भाजपा दोनों जहां पहले थे वहीं के वहीं हैं। 3 में से 2 सीटें कांग्रेस और 1 भाजपा के पास थी। अब भी 2 सीट कांग्रेस जीती और एक पर भाजपा। इसलिए किसी का नफा नुकसान नहीं हुआ है।
वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री रहते 8 उपचुनाव, भाजपा केवल 2 में जीती
राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए 2014 से लेकर 2018 के बीच में छह विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। उनमें से केवल कोटा उत्तर और धौलपुर को छोड़ सभी उपचुनावों में भाजपा सत्ता में होने के बाद भी हारी थी। कांग्रेस ने 2014 में हुए उपुचनाव में सूरजगढ़, वैर, नसीराबाद सीट जीती। भाजपा केवल कोटा उत्तर सीट जीती थी। इसके बाद धौलपुर उपचुनाव भाजपा जीती। वर्ष 2018 की शुरुआत में अजमेर, अलवर लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट के उपचुनावों में भाजपा की करारी हार हुई थी।
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के कार्यकाल में यह पहला विधानसभा उपचुनाव
राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि भारतीय राजनीति में यह एक तरह का ट्रेंड रहा है कि उपचुनाव में ज्यादातर जीत उसी दल को मिलती हैं जो सत्ता में होता है, लेकिन बतौर प्रदेशाअध्यक्ष ड़ॉ सतीश पूनिया ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में दिन रात जो प्रयास करे उसी का परिणाम है कि राजसमंद की सीट पर भाजपा जीत को बरकरार रखने में कामयाब रही है। कुल तीन सीटों के उपचुनाव में 2 सीटे कांग्रेस के खाते में गई है। राजनैतिक विश्लेषक आगे कहते है कि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के कार्यकाल में यह पहला विधानसभा उपचुनाव था जिसकी अग्निपरीक्षा वो काफी हद तक कामयाब रहे है।
दोनो सीटों पर हार की समीक्षा करेंगे
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजसमंद में भाजपा प्रत्याशी की जीत पर कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया। सतीश पूनिया ने कहा कि तीनों ही उपचुनाव में प्रतिकूल परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया है, इससे राजसमंद में भाजपा ने अपनी जीत को बरकरार रखा है और कांग्रेस की जीत के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया। पूनिया ने कहा कि हार-जीत राजनीति का एक पहलू है। पहले भी परिणाम हमारे पक्ष या प्रतिकूल आते रहे हैं, जीत हमें और अच्छा काम करने की चुनौती देती है और पराजय सीख देती है। हम पूरे मनोबल और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे और जो कमियां रही हैं उनको दूर करेंगे। संकल्प के साथ जनता की सेवा करते रहेंगे। पूनिया ने सभी मतदाताओं को धन्यवाद दिया। सतीश पूनिया ने भाजपा कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हुए कहा कि स्वयं को संक्रमण से बचाते हुए ‘सेवा ही संगठन’ अभियान के माध्यम से प्रदेशभर में कोरोना पीड़ित परिवारों के लिए सेवा कार्य करते रहें। उन्होंने दीप्ति माहेश्वरी के जीत पर बधाई देते हुए कहा कि राजसमंद से भाजपा प्रत्याशी दीप्ति किरण माहेश्वरी को विजयी होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आशा है आप आमजन के साथ मिलकर पूरी निष्ठा एवं लगन से कार्य करते हुए राजसमंद के विकास रथ को आगे बढ़ाएंगी।