फोकस भारत। राजस्थान की राजनीति में डॉ. सतीश पूनियां का नाम एक जमीन से जु़ड़े व्यक्ति के तौर पर लिया जाता है। लेकिन इस बार डॉ. सतीश पूनियां ने एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने फिर से अपना लोहा मनवाया है । राजनीतिक पंड़ित कहते है कि सतीश पूनियां कोविड 19 पॉजिटिव होने के बाद भी लगातार सक्रिय रहे और पार्टी के लिए काम करते रहे और संगठन में जान फूंकते रहे। राजनीतिक प्रेषक कहते है कि सतीश पूनिया ने बीजेपी केडर में साफ संदेश दिया है कि राजस्थान में पार्टी सक्रिए है। जो अपने आप में ही एक उपलब्धि है। राजनीतिक विशलेषक कहते है कि सतीश पूनियां के लिए प्रदेश भर में जल्द स्वस्थ होने को लेकर में हवन और पूजा -अर्चना हुई जो उनकी छवि को कार्यकर्ताओं की नजर में ऊपर उठाती है, ये दर्शाती है कि वे जन-जन के नेता है। उनके कोविड पॉजिटिव होने के बाद पार्टी में कोई वेक्यूम नजर नहीं आया। लगातार वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से पार्टी काम करते रहे। उनकी सक्रियता ने पार्टी के हर नेता और कार्यकर्ता में समर्पण के भाव को अनवरत बनाये रखने के लिए प्रेरित किया है।
‘कोरोना नाम तो सुना था लेकिन मुलकात भी हो गई’
जब कोई किसी व्यक्ति से मुलाकात कराता है तब फिल्म का डायलोग है कि ‘कोरोना नाम तो सुना था लेकिन मुलकात भी हो गई’ लेकिन इस रुप में कोरोना से मुलाकात होगी मैंने नहीं सोचा था। ये बात अपने tweeter लाइव पर कही है राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने। जो कोरोना को अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से हराकर सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद किया। ‘कोविड-19 से मेरे संघर्ष’ विषय पर ट्विटर लाइव के माध्यम से पूनिया ने कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वयं के अनुभव साझा किये। इस दौरान उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं और आमजन के सवालों के जवाब भी दिए। गौरतलब है कि डॉ सतीश पूनिया बीते 4 सितम्बर को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम दी थी। ट्वीट करते हुए उन्होंने बताया था कि कुछ क्षेत्रों का दौरा करने के बाद जयपुर लौटने पर जब उन्होंने एहतियातन कोविड-19 टेस्ट करवाया तब वे संक्रमित पाए गए। चिकित्सकों की सलाह पर वो तब से होम आइसोलेट चल रहे हैं।
‘SMS’ ही बचाव
अनुभव साझा करते हुए डॉ. सतीश पूनियां ने मजाकिया अंदाज़ में कहा कि देश का हर व्यक्ति डॉक्टर है। संक्रमित होने के फ़ौरन बाद उन्हें भी अनगिनत सलाह सुनने से गुज़रना पडा। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव का उपाय ‘एसएमएस’ ही है, यानी सोशल डिसटेंसिंग, मास्क और सेनेटाईजर है।
कोरोना को ‘विल पावर’ से जीता
डॉ. सतीश पूनिया कहते है कि ‘व्यक्ति की इच्छा शक्ति हर मुश्किल से मुश्किल और बड़ी से बड़ी बीमारी का समाधान है। मजबूत इच्छा शक्ति की वजह से ही मैं इस वैश्विक बीमारी से जीत पा रहा हूँ।‘ पूनिया ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए लोगों को उपदेश देते-देते खुद को लापरवाही की सज़ा मिल गई। उन्होंने माना कि राजनीति में होने के कारण कुछ मौके ऐसे रहे जहां सावधानियां वे नहीं रख पाए। इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
‘खुद को खोजने का अवसर’
कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए चिकित्सकों की सलाह पर दिनचर्या में बदलाव किया था। सुबह उठते ही गरम नीम्बू पानी, लगभग आधे से एक घंटे तक योग और ध्यान जिसमें कपाल भारती व अनुलोम विलोम जैसी योग क्रियाएं शामिल रहीं। इस बीच खुद को खोजने का मौका मिला।
’संगीत के साथ हनुमान चालीसा सुनीं’
पूनिया ने बताया कि आइसोलेशन के दौरान उन्होंने संगीत सुनने के लिए अलग से समय निकाला। 70 के दशक के पसंदीदा फ़िल्मी गाने सुने तो वहीं ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह की प्रस्तुतियों को भी सुना। इनके अलावा हनुमान चालीसा भी सुनीं। शाम को टहलने के दौरान संगीत सुना। और इस तरह के संगीत से ऊर्जा मिली।
‘वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे’
डॉ. सतीश पूनिया ने बताया कि वे स्वास्थ्य लाभ लेने के दौरान पार्टी गतिविधियों से लगातार वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे। इससे उन्हें संक्रमण के कारण अलग होने का अहसास कभी नहीं हुआ।
‘फोन को पार्टी कंट्रोल रुम में किया डाइवर्ट’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि संक्रमित होने की खबर के बाद से नेताओं-कार्यकर्ताओं-शुभचिंतकों के ढेरों फोन आये। लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए और चिकित्सकों की सलाह पर कम ही फोन अटेंड किये। फोन को पार्टी कंट्रोल रुम डाइवर्ट किया गया था जहां से लगातार वे अपडेट रहे।
‘इनके करेंगे सबसे पहले दर्शन’
एक सवाल के जवाब में डॉ पूनिया ने कहा कि होम आइसोलेशन ख़त्म होने के बाद वे सबसे पहले अराध्य गोविन्द देवजी के दर्शन करेंगे। इसके बाद आमेर स्थित शीला माता मंदिर के दर्शन करेंगे। इन दोनों धार्मिक स्थलों को उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर महत्वपूर्ण बताया। पूनिया ने कहा आराध्यों के दर्शन के बाद वे तीसरे मंदिर के तौर पर पार्टी मुख्यालय जायेंगे।
‘सैम्पल देने के बाद किया हनुमान जी को याद’
पूनिया ने बताया कि जोधपुर दौरे से जयपुर लौटने के बाद अस्वस्थता महसूस हुई। इसपर कोविड-19 जांच के लिए सैम्पल दिया था। रिपोर्ट आने से पहले हनुमान जी का स्मरण कर रिपोर्ट नेगेटिव निकलने की कामना की। लेकिन बाद में जांच में पॉजिटिव ही निकले। मैं भी इंसान हूं सुनकर स्तब्ध रह गया।