- कंप्यूटर अभ्यर्थियों को विज्ञप्ति का इंतजार
- संविदा कंप्यूटर शिक्षकों को भी समायोजन की उम्मीद
- अभ्यर्थियों का सोशल मीडिया में जोर पर अभियान
फोकस भारत। देश में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है, शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने की बातें की जा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भी विधायक दल की बैठक में नई शिक्षा नीति का प्रचार प्रसार करने का संकल्प लिया। लेकिन प्रदेश के 10 फीसदी से भी कम स्कूल कंप्यूटर शिक्षा मुहैया कराने की स्थिति में हैं। इसके मायने ये हैं कि प्रदेश के 90 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूलों को कंप्यूटर शिक्षा से जोड़ने की बेहद दरकार है।
ये जरूरत अब इसलिए भी महसूस की जा रही है क्योंकि कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा का महत्व सभी को समझ में आया और कंप्यूटर की महत्ता तो राजीव गांधी ही देश को समझा गए थे। राजस्थान में गहलोत सरकार कई दिन से उथल-पुथल का शिकार रही और कोरोना प्रभावित समाज भी अपनी मांगों को दबा कर बैठा रहा था। अब राजस्थान में कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती जल्द से जल्द निकालने की मांग उठ खड़ी हुई है। काफी लंबे वक्त से विधानसभा का सत्र आयोजित नहीं हुआ था। मुख्यमंत्री गहलोत पहले ही प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती निकालने की बात कह चुके थे लेकिन कोरोना और ‘अपनों का रोना’ लेकर बैठी सरकार उलझी रही। अब जबकि सब कुछ सुलझता हुआ दिख रहा है तो कंप्यूटर अभ्यर्थियों ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा #Computer_Teacher_Rajasthan
गहलोत सरकार ने ही प्रदेश में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक का पद सृजित करने की बात की थी। इस वर्ष की बजट घोषणा के तहत कंप्यूटर शिक्षक का अलग से संवर्ग सृजित करने की बात खुद सरकार ने की थी। साथ ही कहा था कि 11वीं कक्षा में किसी भी संकाय के विद्यार्थी कंप्यूटर विषय ले सकते हैं। इसके लिए गहलोत सरकार ने कंप्यूटर शिक्षक के पद पर 13 हजार से ज्यादा भर्तियां करने का वादा किया था। लेकिन अभी तक इसे लेकर सरकार विज्ञप्ति जारी नहीं कर पाई। इससे कंप्यूटर अभ्यर्थियों की बैचैनी बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अब अभ्यर्थी #Computer_Teacher_Rajasthan अभियान चलाए हुए हैं और प्रदेश में यह टॉप ट्रैंड भी करने लगा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे सरकार पर शीघ्र विज्ञप्ति जारी करने का दबाव बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में की थी कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती की बात
गहलोत सरकार सरकारी सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल करने की मुहिम में जुटी है। हर विभाग का पूरा सिस्टम ऑनलाइन हो रहा है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षकों के पद भी भरने की तैयारी गहलोत सरकार ने की। दावा किया गया कि 14 हजार 601 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की जाएगी।
कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य, लेकिन अभी तक कंप्यूटर शिक्षक ही नहीं
कमाल की बात ये है कि प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षा तो अनिवार्य है, लेकिन कंप्यूटर के लिए अलग से शिक्षक नहीं हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा उच्च माध्यमिक स्कूलों में कंप्यूटर ही नहीं हैं, जहां हैं वहां धूल फांक रहे हैं। बीसीए, एमसीए, पीजीडीसीए बीटेक, एमटेक जैसी योग्यता रखने वाले शिक्षक स्कूलों में अस्थाई तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन कोरोना में स्कूलें बंद हुईं तो ये शिक्षक बेरोजगार हो गए। राज्य सरकार ने स्थाई तौर पर कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति का मन तो बनाया लेकिन बेरोजगारों को अब बेसब्री से विज्ञप्ति का इंतजार है।
कंप्यूटर शिक्षक कैडर बनाया गया
प्रदेश में 15 हजार स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित हैं। मुख्यमंत्री ने कंप्यूटर शिक्षक का कैडर भी बना दिया था। जिसके बाद बीकानेर निदेशालय की ओर से प्रदेश की सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब और कंप्यूटर शिक्षकों की पदों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेज दी गई थी। इसमें थर्ड ग्रेड 11 हजार और सैकेंड ग्रेड 4 हजार कंप्यूटर शिक्षकों की जरूरत बताई गई। इस रिपोर्ट को कई महीने बीत जाने के बाद अब तक किसी तरह कि विज्ञप्ति नहीं आई है। अभ्यर्थियों को डर है कि घोषणा खटाई में न पड़ जाए। सचिन पायलट के सरकार में लौटने से अब अभ्यर्थियों की सांस में सांस आई है कि गहलोत सरकार जाएगी नहीं और अगर विज्ञप्ति जारी कर देती है तो सरकार की जड़ें मजबूत होंगी।
संविदा कंप्यूटर शिक्षकों ने की समायोजन की मांग
ऑल राजस्थान कंप्यूटर शिक्षक संघ की ओर से एक ज्ञापन सौंपकर कहा गया है कि 2008 की आईसीटी योजना में कंप्यूटर शिक्षकों को स्कूलों में लगाया गया था, 2014 में योजना पूर्ण हुई तो इन्हें हटा दिया गया। मुख्यमंत्री के बजट 2020-21 में शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर शिक्षक कैडर का सृजन करना प्रस्तावित है। ऐसे में पूर्व में कार्यरत अनुदेशकों को अनुभव व उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार सृजित कंप्यूटर शिक्षक कैडर में समायोजित किया जाए।
बहरहाल, प्रदेशभर के लाखों कंप्यूटर अभ्यर्थी और सरकारी स्कूलों में संविदा पर लगे पात्र कंप्यूटर शिक्षकों में अब उम्मीद की किरण जागने लगी है। सरकार पर पूरा दबाव बनाने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाए जा रहे हैं, अभियानों को बल भी मिल रहा है।
रिपोर्ट- आशीष मिश्रा