- राहुल गांधी से घबराई मोदी सरकार
- रक्षा मंत्रालय ने दस्तावेज छुपाकर दिये प्रमाण
- लगातार बढ़ रहा राहुल गांधी का कद
फोकस भारत। जो लोग ये मानकर चल रहे थे कि कांग्रेस को अब गांधी परिवार से मुक्त हो जाना चाहिए, उनके लिए खबर दिल को चोट पहुंचाने वाली हो सकती है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से फिलहाल कांग्रेस मुक्त होने वाली नहीं है। इसके पुख्ता सबूत कुछ ही समय के भीतर मिल गए हैं। जहां तक विपक्ष के नेता की भूमिका है, वह राहुल गांधी बहुत अच्छे से निभाने लगे हैं, वहीं दूसरी ओर जहां पार्टी संगठन की बात है, तो ये काम अब प्रियंका गांधी ने अपने जिम्मे पर ले लिया है। अपनी-अपनी भूमिका में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों ने दमदार वजूद दिखाया भी है, इस लिहाजा से कहा जा सकता है कि कांग्रेस अभी गांधी परिवार से मुक्त नहीं होने वाली है।
राहुल गांधी का समूचे विपक्ष के नेता का रूप
राहुल गांधी का व्यक्तित्व बहुत तेजी से निखरा है। मोदी सरकार आने के बाद राहुल पर कई तरह से कमेंट किये गए, मीम्स बनाए गए, उनके नाम के साथ खिलवाड़ किया गया, लेकिन राहुल अपना काम करते रहे। राहुल कुछ समय से पूरा फोकस मोदी सरकार को घेरने पर लगाए हुए हैं। राहुल के अलावा कोई नेता ऐसा नजर नहीं आता जो मोदी को घेरने का माद्दा रखता हो। महबूबा मुफ्ती, अरविंद केजरीवाल, मुलायम-अखिलेश यादव, लालू प्रसाद यादव, ममता बनर्जी, मायावती जैसे चेहरे खामोश हैं। असदुद्दीन ओवैसी कभी कभी बोलते हैं लेकिन वे धार्मिक हमलों से ऊपर नहीं उठ पाते। ऐसे में राहुल गांधी समूचे विपक्ष की भूमिका अकेले निभाते नजर आ रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय को छिपाने पड़ गए आंकड़े
राहुल गांधी के लगातार हमलों से मोदी सरकार भी सकते में है। राहुल गांधी चीन मामले मे लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार ने झूठ बोला, भारतीय सीमा में अतिक्रमण हुआ। लेकिन राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने माना कि चीनी सेनाओं ने भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर लिया है, बात बढ़ी तो रक्षा मंत्रालय की साइट से दस्तावेज गायब कर दिए गए। राहुल के आरोपों का फिलहाल मोदी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
कोरोना को लेकर लगातार सरकार पर दबाव
राहुल गांधी ने नमस्ते ट्रम्प जैसे कार्यक्रमों से पहले ही कोरोना की गंभीरता को समझने की बात कही थी। लेकिन उन्हें हल्के मे लिया गया। राहुल गांधी लगातार कोरोना के प्रभाव और भारत में इलाज की तकनीकों, अस्पतालों, वेंटिलेटर्स को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते रहे। सरकार को आगाह करते रहे। लेकिन इसी दौरान मध्यप्रदेश में सत्ता भी बदली गई और राम मंदिर का भूमि पूजन भी हुआ। राहुल गांधी आज भी उन कोरोना वॉरियर्स, जिनकी इलाज के दौरान नौकरी करते हुए जान चली गई, की लड़ाई के लिए आवाज उठा रहे हैं।
बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार पर बढ़ता शिकंजा
राहुल गांधी लगातार गलत जीएसटी, बेवजह नोटबंदी और अब कोरोना में गलत नीतियों का हवाला देकर सरकार पर बड़े तंज कस रहे हैं। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था लेकिन इस दौरान 14 करोड़ नौकरियां चली गई हैं। राहुल ने ‘रोजगार दो सरकार’ के नाम से अभियान भी चलाया और वे लगातार युवाओं का ध्यान बेरोजगारी की तरफ खींच रहे हैं। कोरोनाकाल में प्राइवेट सेक्टर में बडी तादाद में नौकरियां गई हैं, ये मुद्दा भी राहुल गांधी लगातार उठा रहे हैं।
(राहुल गांधी के कुछ ट्वीट)
बहरहाल, राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं, एक तरफ वे बतौर विपक्ष हर बात का हिसाब मांग रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को सींचने और खींचने का काम भी अपने कंधों पर लेकर कर रहे हैं। राहुल गांधी के हमलों का असर लगता है अब मोदी सरकार पर होने लगा है। यही वजह है कि सरकार के मंत्रालय कभी दस्तावेजों को बदलते हैं तो कभी चुप्पी साधकर बैठ जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी राहुल के सवालों पर मौन साध रखा है। राहुल इन दिनों आम जनता से जुड़े मुद्दे खूब उठा रहे हैं और उनहें युवाओं का समर्थन भी मिल रहा है। ऐसे में क्या आने वाले दिनों में राहुल मोदी सरकार की राह कठिन कर पाएंगे। समय बताएगा।
रिपोर्ट -आशीष मिश्रा