फोकस भारत। क्या गहलोत सरकार के लिए ये बड़ा झटका है। झटका इसलिए जिनके ऑडियो की बीना पर राजस्थान में इतना बड़ा सियासी संकट पैदा हो गया। उन तीन मोहरों संजय जैन, भरत मलानी और अशोक चौहान को सीएमएम कोर्ट ने रिहा करने के आदेश दे दिए।
राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में नित नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। सीएमएम कोर्ट में आज विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण की सुनवाई हुई। राजस्थान एसओजी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के जिस मामले में आरोपी संजय जैन, भरत मलानी और अशोक चौहान को हिरासत में लिया था, उन्हें सीएमएम कोर्ट ये कहते हुए रिहा करने के आदेश दिए हैं कि इन प्रकरणों में एसओजी का क्षेत्राधिकार नहीं हैं। बता दें कि तीनों एफआईआर में एसओजी ने एफआर आज पेश की थी। बता दें कि इस पूरे मामले में राजस्थान में सियासत इतनी गर्मा गई कि अभी तरह सरकार के रहने या गिरने पर संशय बना हुआ है। तीनों आरोपियों की रिहाई क्या संदेश ये रही है ये बड़ा सवाल है। अगर मामला किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा तो गहलोत सरकार की किरकिरी होना तय है।
कौन है संजय जैन ?
संजय जैन उर्फ संजय बरड़िया बीकानेर के लूणकरणसर का निवासी है। विधायकों की खरीद-फरोख्त में संजय जैन का नाम आने से यह चर्चा में आया। होटल बिजनेस से जुड़े संजय जैन राजनीति में रसूख रखता है और कई आईएएस, आईपीएस और नेताओं से इसके लम्बे समय से ताल्लुक बताए जाते हैं। ये भी खबर है कि संजय के रिश्ते शहर के बड़े व्यापारिक घराने से हैं जो कई उद्योग चलाने के साथ साथ राजनीति और धार्मिक क्षेत्र में भी दखल रखते हैं। संजय को लूणकरणसर के कांग्रेस नेता वीरेंद्र बेनीवाल का घोर विरोधी माना जाता है। प्रदेश में विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में तीन ऑडियो क्लिप जारी की गई थी, आरोप लगा कि संजय जैन बिचौलिया बनकर भंवरलाल और विश्वेंद्र सिंह से सौदेबाजी कर रहा था, इस ऑडियो में एक आवाज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की भी बताई गई थी।
कौन हैं भरत मलानी और अशोक चौहान ?
राजस्थान में एसओजी की ओर से दावा किया गया कि अपराध के मामले में की गई फोन टेपिंग के दौरान गहलोत सरकार गिराने संबंधी ऑडियो हाथ आया है। इसे लेकर एसओजी ने खुद ही मामला भी दर्ज कर लिया और मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री समेत कई नेताओं को नोटिस भी जारी कर दिया। इस मामले में ब्यावर और उदयपुर के दो नेताओं के नाम सामने आए थे। जिन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी और गिरफ्तार कर लिया गया था। इनका नाम था भरत मलानी और अशोक सिंह। दोनों भाजपा इकाई के सदस्य बताए जा रहे थे। ब्यावर से गिरफ्तार भरत मलानी पर विधायक खरीद-फरोख्त संबंधी बात करने का आरोप था। भरत मलानी के बारे में दावा किया गया कि वे प्रदेश भाजपा में व्यापार प्रकोष्ठ में सदस्य रह चुके हैं।
रिपोर्ट-फोकस भारत