अशुभ घड़ी में हो रहा राम मंदिर निर्माण ?

फोकस भारत। राम मंदिर के लिए लड़ाई इतनी लंबी लड़ी गयी लेकिन ये लड़ाई थम ही नहीं रही है। राम मंदिर के लिए कारसेवकों ने जो जंग लड़ी वो तो अपनी जगह है, फिर वकीलों ने कोर्ट में संघर्ष किया, न्यायालय में जीते तो फिर अलग अलग अखाड़ों की लड़ाई शुरू हो गई। अखाड़ों का काम निबटा तो अब मुहूर्त को लेकर संतों में जुबानी जंग हो गई है।

आप ये तो जानते ही हैं कि अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर बनाने के लिए भूमि पूजन की तारीख पांच अगस्त तय की गई है। प्रधानमंत्री मोदी भूमि पूजन करने वाले हैं उस दिन। देशभर से अलग अलग नदियों का पानी लाया जा रहा है, फल्गु की रेत लाई जा रही है, मंदिरों मठों के आंगन की मिट्टी लाई जा रही है। इतना सब किया जा रहा है लेकिन मुहूर्त तो शुभ है ही नहीं। मुहूर्त पर तो सवाल उठ खड़े हो रहे हैं।

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने उठाया सवाल

ये सवाल फोकस भारत नहीं उठा रहा है, बल्कि सवाल उठाए हैं शंकराचार्य ने। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने 5 अगस्त को अशुभ तिथि बताया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण अशुभ घड़ी से शुरू नहीं होना चाहिए। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि हमें कोई पद नहीं चाहिए, न ही हम मंदिर के ट्रस्टी बनना चाहते हैं। हम केवल यह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण ठीक ढंग से हो, आधारशिला सही समय पर रखी जाए। उन्होंने कहा कि अभी जो तिथि तय की गई है वह घड़ी अशुभ है। शंकराचार्य ने ये भी किया कि राम मंदिर आंदोलन के लिए उन्होंने भी संघर्ष किया, गिरफ्तार भी हुए, इसलिए नहीं चाहते कि राम मंदिर का निर्माण अशुभ वेला में हो। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए तय मुहूर्त को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णन के एक ट्वीट को रीट्वीट किया था।

आचार्य प्रमोद कृष्णम का ट्वीट

ट्वीट में लिखा था कि ‘मैं ज्योतिषाचार्य नहीं हूं पर इतना अवश्य जानता हूं कि श्री हरि विष्णु शयन काल में मंदिर निमार्ण का मुहूर्त कोई विद्वान ब्राह्मण नहीं निकाल सकता, भगवान श्री राम हमारी आस्था के आधार हैं, इसलिए प्रत्येक कार्य विधि विधान से ‘शास्त्र’ सम्मत होना चाहिए ‘राजनैतिक’ दृष्टिकोण से नहीं।

भाजपा नेता और साध्वी उमा भारती ने ये कहकर कि ‘राम के काम में कैसा मुहुर्त’ पंडितों की इस गर्मागर्मी पर थोड़े ठंडे छींटे मारे हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे। प्रधानमंत्री की ओर से सहमति मिलने की बात भी उन्होंने कही है।

रिपोर्ट आशीष मिश्रा