चीन : उईगरों पर अत्याचार के 5 बड़े खुलासे

  • द फॉरेन पॉलिसी मैग्जीन में खुलासे
  • उईगर अमेरिकी लेखक रेयान के आर्टिकल में दावे

फोकस भारत। पूरे विश्व में उईगर मुस्लिमों की बात उस तरह से नहीं उठाई जा रही है, जैसे अमेरिका में अश्वेतों को लेकर उठ रहा है। चीन ने उईगर मुस्लिम समुदाय का अपना यहां जीना नारकीय बना दिया है। चीन उईगरों की पहचान खत्म करना चाहता है और इसके लिए वह किसी भी हद तक जा रहा है। अमेरिका में प्रवास करने वाली उईगर लेखिका रेयान असत ने द फॉरेन पॉलिसी मैग्जीन में लिखे एक आर्टिकल में ऐसे खुलासे किए हैं जिस पर दुनियाभर में हड़कम्प मच गया है। रेयान का यह लेख अपने आप में उईगर महिलाओं के दर्द का आईना है।

खुलासा नं. 1

चीन उइगर महिलाओं को जबरदस्ती संतति अयोग्य यानी बांझ बना रहा, जनसंख्या पर नज़र रखने के लिए उनके गर्भाशय में जबरन लगा रहा डिवाइस, चीन चाहता है कि उईगर महिलाएं के बच्चे होना बंद हो जाएं, डिवाइस की वजह से महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं होतीं, डिवाइस हटवाना गैरकानूनी है। दावा किया गया कि कैंपेन 2017 से चला था।

खुलासा नं. 2

चीनी सरकार टेक्नोलॉजी के जरिए कर रही उईगरों का नरसंहार, उइगर समुदाय को कैम्पों में बंद करके रखता है चीन, गंभीर शारीरिक और मानसिक नुकसान पहुंचा रहा

खुलासा नं. 3

जो बच्चे पैदा हो रहे उन्हें दूसरे समुदाय में शामिल करने की साजिश, ताकि वे अपने तौर-तरीकों, रहन-सहन से दूर हो जाएं

खुलासा नं. 4

मैग्जीन के जरिए रेयान का दावा है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में ग्रिड मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर रखा है। वह उइगरों की जिंदगी के हर पहलू पर नजर रखता है। इस सिस्टम के तहत शहरों और गावों में 500 लोगों पर एक पुलिस स्टेशन है। जो उईगरों की रिपोर्ट रखते हैं।

खुलासा नं. 5

चीन उइगर समुदाय के लोगों पर पहचान पत्र, डीएनए सैंपल, उंगलियों के निशान के जरिए रखता है निगरानी, वीडियो सर्विलांस, स्मार्टफोन से डेटा इकट्ठा करता है। उईगरों के अधिकार की बात करने वाले को दी जाती है कड़ी और लम्बी सजा।

बहरहाल, एक तथ्य यह भी है कि 2015 से 2018 के बीच उइगर समुदाय की जनसंख्या वृद्धि दर 84% तक कम हो गई है। शिनजियांग में जहां चीनी सरकार का उईगर महिलाओं के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान चला था वहांम 2017-18 के बीच बांझ और विधवा महिलाओं की तादाद सवा सौ प्रतिशत तक बढ़ गई है।

रिपोर्ट – आशीष मिश्रा