गद्दार को जनता माफ नहीं करेगी : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रेसवार्ता
  • मुख्यमंत्री ने हॉर्स ट्रेडिंग और कोरोना पर खुलकर की बात

फोकस भारत। राजस्थान में राजनीतिक हॉर्स ट्रैडिंग की शिकायतों और एसओजी की कार्रवाई के बाद सियासी हलकों में बयानबाजी का दौर जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज प्रेसवार्ता कर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर तीर बरसाए।

मुख्यमंत्री की प्रेस कान्फ्रेंस की अहम बातें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार कोरोना को लेकर जंग लड़ रही है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी सरकार गिराने के मकसद से विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में इस तरह की चीजें नहीं होती थीं लेकिन 2014 के बाद भाजपा सियासी घमंड में चूर है और जब जब मौका मिला है उसने लोकतंत्र की हत्या की है। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश, गोवा,अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक के राजनीतिक संदर्भों का जिक्र करते हुए प्रदेश भाजपा के तीन नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड और गुलाबचंद करारिया दिल्ली में बैठे अपने आकाओं प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की नजरों में अपने नंबर बढाने के लिए प्रदेश में राज्य सरकार को अस्थिर करने की मंशा रखते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गुलाबचंद कटारिया भले नेता हैं और सारा खेल सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ खेल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को 10 करोड़ एडवांस में देने और सरकार गिरने के बाद 15 करोड़ अलग से देने के प्रलोभन देने की मंशा रखी जाती है, साथ ही करीबियों पर विशेष ध्यान देने की बातें भी की जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के विधायक स्वेच्छा से कांग्रेस के साथ मर्ज हुए थे और उन्हें किसी भी तरह का प्रलोभन नहीं दिया गया था।

भाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश जैसी घटना को भाजपा राजस्थान में भी अंजाम देने की कोशिशों में जुटी है, प्रदेश की जनता समझदार है और वो कांग्रेस और भाजपा को बराबर मौका देती है, इस प्रदेश में खरीद फरोख्त की संस्कृति  नहीं रही लेकिन भाजपा यहां भी बकरा मंडी में बकरे खरीदने जैसी राजनीतिक बेशर्मी पर उतर आई है। उन्होंने भाजपा को तिकड़मी करार देते हुए कहा कि राजस्थान में भाजपा की चाल नहीं चलने वाली है।

उन्होंने कांग्रेस के इतिहास के हवाले से कहा कि इंदिरा गांधी चुनाव हारीं तो उन्होंने मोरारजी को सत्ता सौंप दी, राजीव गांधी हारे तो वीपी सिंह को सत्ता सौंप दी। कभी ऐसा माहौल नहीं था कि किसी की सरकार को अस्थिर करने के लिए चालें चली जाएं। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स विभाग जैसी ऐजेंसियों  का अपने हित के अनुकूल उपयोग करने का भी आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी या सोनिया गांधी कोई सवाल केंद्र सरकार से पूछते हैं तो उनका जवाब नहीं दिया जाता बल्कि अपने मंत्रिमंडल के कुछ लोगों को उन पर अटैक करने के लिए छोड दिया जाता है। सीएम ने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा, वे अब कांग्रेस से घबराने लगे हैं। राजस्थान में सरकार स्थिर थी और स्थिर ही रहेगी, पूरे पांच साल चलेगी और अगला चुनाव जीतने की तैयारी  भी कर रही है।

कोरोना को लेकर किए गए सरकारी प्रयासों की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य जीवन बचाएं, आजीविका बचाएं है, उन्होंने कहा कि राजस्थान ने जिस तरह कोरोना की लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। ऐसे में प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने की राजनीति करने वालों को जनता अच्छा सबक सिखाएगी।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने सवालों के जवाब दिए-

सवाल- एसओजी के पास मामला है, टेप रिकॉर्डिंग्स है, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बयान एसओजी चाहेगा तो आप बयान देंगे ?

जवाब- कानून से ऊपर कोई नहीं है, जैसा कानून करेगा, हम करेंगे

सवाल- भाजपा के कौन नेता साजिश में शामिल हैं, क्या नाम का खुलासा हुआ?

जवाब- एजेंसी इसकी जांच कर रही है, जांच प्रभावित न हो इसके लिए सरकार कुछ नहीं कह सकती, जांच में सारे तथ्य सामने आ जाएंगे, कौन विधायक थे, कौन दोषी है, क्या लेन देने की बात हुई, निष्कर्ष के बादही सच सामने आएगा।

सवाल – टेलीफोन टेप मामले में बीजेपी की ओर से विशेषाधिकार हनन की बात की गई है।

जवाब- उन्हें कौन रोक सकता है, विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएं, हम जवाब देंगे, सच्चाई का कोई विकल्प नहीं होता

सवाल- यह मामला ताजा है या फिर राज्यसभा चुनाव के वक्त जो आपने सवाल उठाया था, उसी समय का है। दूसरा सवाल, मध्यप्रदेश में जो हुआ, क्या राजस्थान में भी उसकी संभावना है ?

जवाब- पहले जो माहौल था, उससे बड़ा माहौल अब बनाने की कोशिश की जा रही है, कौन किधर जा सकता है ये उनसे पूछिये जिन्होंने बात की है, हमारे विधायक खुद्दार हैं, राजस्थान वीरों की धरती है, इसलिए यहां ऐसी परंपरा नहीं है, पार्टी ने किसी को विधायक बनाया, एमपी बनाया, मंत्री बनाया, मान-प्रतिष्ठा दी, सब दिया, बाकी अगर कोई गद्दार निकलता है तो जनता उसे कभी माफ नहीं करेगी।

सवाल- कोरोना बढ़ रहा है और कई प्रदेश वापस लॉकडाउन लगा रहे हैं, राजस्थान में क्या स्थिति है? दूसरा सवाल, प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग मामले में असली किरदार कौन ?

जवाब- कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं क्योंकि यहां टेस्टिंग ज्यादा हो रही है, इस विषय पर शाम (11 जुलाई)को मीटिंग की जाएगी जिसके बाद ही जानकारी दी जाएगी। बाकी राजेंद्र राठौड, सतीश पूनिया और गुलाबचंद कटारिया सरकार गिराने की कोशिश में हैं, दिल्ली में बैठे इनके आका राजस्थान के मुख्यमंत्री और सरकार को टोलरेट नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश भाजपा के इन नेताओं में अपने आलाकमान के सामने नंबर बढ़ाने का कंपीटीशन चल रहा है।

सवाल- सतीश पूनिया का कहना है कि जिन विधायकों के नाम सामने आ रहे हैं (रमीला खडिया) वे तो मना कर रहे हैं कि हमने ऐसी बात ही नहीं की।

जवाब- जांच के बाद ही सब कुछ साफ होगा, हम मीडिया ट्रायल नहीं चाहते, सच से ही फैसला होगा, भाजपा को भ्रम था कि राज्यसभा चुनाव के वक्त हमने जानबूझ कर हौवा खड़ा किया, दस दिन तक विधायक साथ रखे, सच्चाई अब सामने आएगी।

सवाल- आपके 24 विधायकों ने कहा कि उन्हें प्रलोभन दिया गया, ये मामला ताजा है या पुराना

जवाब – आरोप नहीं लगाए, पता नहीं ये 24 विधायक कौन से हैं, मेरे पास एक प्रेसनोट आय़ा था, उन सब विधायकों ने तो एकजुटता दिखाई थी, बाकी ज्यादा जानकारी महेश जोशी दे पाएंगे।

सवाल- विशेषाधिकार हनन का मामला चल रहा है, तो क्या ऐसे में एसओजी राज्य सरकार के इशारे पर काम कर रही है, एसओजी ने कार्रवाई में इतना वक्त क्यों लगाया

जवाब- ये सवाल एसओजी से पूछें कि समय क्यों लगा। बाकी मुझ लगता है कि किसी भी तफ्तीश में समय लगता ही है।

सवाल- ब्यावर से पकड़े गए भरत मालानी का कनेक्शन बीजेपी से रहा है, उसने पार्टी से टिकट भी मांगा था और दिल्ली में भी उसके संपर्क हैं।

जवाब- मैं एसओजी का डीजी नहीं हूं, किसी से भी पूछताछ की जा सकती है।

सवाल- बताया जा रहा है कि राज्य के खजाने में 30 प्रतिशत राजस्व ही रहा गया है, 70 फीसदी कोरोना की वजह से खर्च हो गया है। इसके लिए कोई ठोस कार्ययोजना है ?

जवाब- मैं प्रधानमंत्री से हर वीसी में तीन महीने पहले से ही कह रहा हूं कि राज्यों को पैकेज दिया जाए ताकि वे अपने पैरों पर खडे हो सकें। लेकिन आर्थिक मांगें नहीं मानी गईं। कर्जा लेकर तो कुछ भी किया जा सकता है। राज्य सरकारों को केंद्र की तरफ से पैकेज मिलना चाहिए ताकि वे अपनी बजट घोषणाओं को पूरा कर सकें और जनता को खामियाजा न उठाना पड़े।

सवाल- कांग्रेस में अनुशासनहीनता दिखाई दे रही है, आपकी ही पार्टी के लोग सवाल उठा रहे हैं।

जवाब – बीजेपी कमजोर हो गई है, वो जवाब ही नहीं दे पा रहे हैं, बाकी वो ही बता सकते हैं। भाजपा में कई गुट बने हुए हैं वसुधरा गुट, सतीश पूनिया गुट, कटारिया गुट, कैलाश चौधरी गुट, राजेंद्र राठौड गुट। वसुंधरा राजे जो दो बार मुख्यमंत्री रही हैं उनका कहीं नाम ही नहीं है।

सवाल- एफआईआर में 13 जून की रिकॉर्डिंग एसओजी को मिली, जबकि दो दिन पहले 11 जून को आपने आशंका जता दी थी आपको पास कोई इनपुट था क्या

जवाब- मुख्यमंत्री के पास सूचना के कई स्रोत होते हैं, बाकी एसओजी ज्यादा बता पाएगी।

सवाल– बीजेपी आरोप लगाती है कि कांग्रेस में गहलोत और सचिन गुट बने हुए हैं, एफआईआर में भी यह सामने आया है कि जो बातचीत हुई इसमें यह था कि डिप्टी सीएम मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।

जवाब– सीएम कौन नहीं बनना चाहता, पांच-सात दावेदार होते ही हैं, जिनमें योग्यता होती है, टैलेंट होता है, लेकिन  सीएम तो एक ही बनता है और फिर सब शांत हो जाता है, राजस्थान में घोर शांति है।

सवाल- कोरोना संकट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए क्या किया जा रहा है?

जवाब– इस मामले में केंद्र की नीतियां आगे नहीं बढ पा रही हैं, जब तक ग्राहकी नहीं होगी, पब्लिक की जेब में पैसा नहीं होगा तो काम कैसे चलेगा। केंद्र इस मामले में फेल हो गया है। राजस्थान सरकार ने कुछ अच्छे फैसले किए थे । एमएसएमई सेक्टर के लिए तीन साल नियम कायदे का प्रावधान हटाया गया।

सवाल- कोरोना को लेकर 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन की कपैसिटी की दावा किया गया था, कितने टेस्ट हो रहे हैं?

जवाब- अब तक 10 लाख सैंपल लिये गए हैं, पहले जांच के लिए सैंपल पूना या दिल्ली भेजे जाते थे अब प्रदेश में ही 40 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। प्रति दस लाख पर राजस्थान में टेस्ट 12,600 हो रहे हैं जबकि देश में यह दर 800 है। रिकवरी रेट भी राजस्थान का 80 प्रतिशत है जबकि देश में यह 62 प्रतिशत है। प्रदेश में प्रवासी आने से कोरोना बढ़ा है।

सवाल- कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र जीत मालवीय का नाम भी आ रहा है। कैबिनेट विस्तार की भी बात चल रही है।

जवाब – मालवीय का नाम क्यों आया, उन पर कोई आरोप नहीं है, बाकी बीजेपी वाले कुछ भी कर सकते हैं। केंद्र सरकार सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स आदि ऐजेन्सियों पर जबाव बनाकर काम करवाती है। हम एसओजी, एसीबी का इस्तेमाल नहीं करते। मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा इस पर हाईकमान फैसला करेगा।

 

रिपोर्ट- आशीष मिश्रा

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