क्या मोदी सरकार भगोड़ों के साथ? क्योंकि RTI में जो खुलासा हुआ है वो इसकी गवाही दे रहा है

फोकस भारत। मेहुल चोकसी और विजय माल्या की कंपनियों सहित जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वाली शीर्ष 50 कंपनियों का 68,607 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज तकनीकी तौर पर 30 सितंबर 2019 तक बट्टे खाते में डाला जा चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत दिये गये जवाब में यह जानकारी दी है। दरअसल प्रमुख आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने 50 शीर्ष विलफुल डिफाल्टर्स (जानबूझ कर कर्ज न चुकाने वाला) के बारे में जानकारी हासिल करने 16 फरवरी तक उनके ऋण की मौजूदा स्थिति के बारे में जानने के लिए एक आरटीआई आवेदन दाखिल किया था।

संसद में वितमंत्री ने जानकारी देने से किया था इनकार
गोखले ने कहा कि मैंने यह आरटीआई इसलिए दाखिल की, क्योंकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा पिछले बजट सत्र में संसद में 16 फरवरी, 2020 को पूछे गए इस तारांकित प्रश्न का जवाब देने से इंकार कर दिया था। गोखले ने कहा कि जिस तथ्य का खुलासा सरकार ने नहीं किया, उसका खुलासा करते हुए आरबीआई के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी अभय कुमार ने शनिवार 24 अप्रैल को यह जवाब उपलब्ध कराया, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे शामिल हैं। आरबीआई ने कहा कि इस धनराशि (68,607 करोड़ रुपये) बकाया धनराशि शामिल हैं, और तकनीकी रूप से और विवेकपूर्ण तरीके से इस पूरी राशि को 30 सितंबर, 2019 तक माफ कर दिया गया है। गोखले ने कहा, “शीर्ष बैंक ने सर्वोच्च न्यायालय के 16 दिसंबर, 2015 के एक फैसले का जिक्र करते हुए विदेशी उधारीकर्ताओं पर प्रासंगिक जानकारी मुहैया कराने से इंकार कर दिया”

बैंकों ने 50 डिफाल्टर का 68,607 करोड़ का कर्ज बट्टे खाते में डाला
इनमें भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी भी शामिल है
रिजर्व बैंक ने एक आरटीआई आवेदन के तहत दी जानकारी
कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पीएम से जवाब मांगा है

क्या होते हैं विलफुल डिफाल्टर

असल में विलफुल डिफाल्टर उन कर्जदारों को कहते हैं जो सक्षम होने के बावजूद जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहे, लेकिन जब इनसे कर्ज वापसी की उम्मीद नहीं रहती तो बैंक इनके कर्ज को राइट ऑफ कर देते हैं यानी बट्टे खाते में डाल देते हैं।

कांग्रेस ने मांगा पीएम से जवाब
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘बैंक लुटेरों द्वारा पैसा लूटो-विदेश जाओ-लोन माफ कराओ ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश! ‘भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ’ बन गया है भाजपा सरकार का मूलमंत्र.’उन्होंने कहा, ’16 मार्च, 2020 को संसद में राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े 50 बैंक घोटालेबाजों के नाम मोदी सरकार से पूछे, वित्त मंत्री और सरकार ने षडयंत्रकारी चुप्पी साधकर ये नाम जगजाहिर करने से इंकार कर दिया’ अब RTI के जवाब में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रु.माफ करने की बात स्वीकार ली। उन्होंने कहा, ‘पूरा देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। रोजी रोटी की मार के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को शहर से गांव पलायन करना पड़ा है। 113 लाख फौजी जवानों, मिलिटरी पेंशनरों व सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रु. महंगाई भत्ता मोदी सरकार ने काट लिया है। लघु उद्योग, दुकानदारी व व्यवसाय ठप हो गए हैं, पर शर्म की बात है कि इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा बैंक डिफॉल्टरों को 68,607 करोड़ रुपये की माफी दी जा रही है देश प्रधानमंत्री से जवाब मांगता है’

ये हैं बड़े डिफाल्टर

इन डिफाल्टर्स की सूची मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड शीर्ष पर है, जिस पर 5,492 करोड़ रुपये का कर्ज है, इसके अलावा, गिली इंडिया लिमिटेड और नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड ने क्रमश: 1,447 करोड़ रुपये और 1,109 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, चोकसी इस समय एंटीगुआ और बारबाडोस द्वीप समूह के नागरिक है जबकि उसका भांजा व भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी इस समय लंदन में है। सूची में दूसरे स्थान पर आरईआई एग्रो लिमिटेड का नाम है, जो 4,314 करोड़ रुपये का कर्जदार है, इस कंपनी के निदेशक संदीप झुनझुनवाला और संजय झुनझुनवाला करीब एक साल से प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में हैं, सूची में आगे 4000 करोड़ रुपये के बै्रकेट में भगोड़ा हीरा कारोबारी जतिन मेहता की कंपनी विन्सम डायमंड एंड ज्वेलरी का नाम है जिस पर 4,076 करोड़ रुपये का कर्ज है, केंद्रीय जांच ब्यूरो विभिन्न बैंकों से जुड़े इस मामले की जांच कर रहा है। इसके बाद 2000 करोड़ रुपए की श्रेणी में कानपुर की कंपनी रोटोमक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड है जोकि जाने माने कोठारी समूह की कंपनी है, जिस पर 2850 करोड़ रुपए का कर्ज है।

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