NEET-JEE Exams। कोरोना महामारी के बीच देश में आयोजित होने वाली सबसे बड़ी परीक्षाओं में शामिल नीट-जेईई एग्जाम (NEET-JEE Exams) अपने तय समय पर करवाने के लिए NTA ने अपनी सभी तैयारी कर ली है। पहले ऐसा माना जा रहा था कि परीक्षा को कोरोना के चलते और थोड़े समय स्थगित कर दिया जाएगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस सहित बड़े दल भी आए छात्रों के पक्ष में:
कई दिनों से सोशल मीडिया के माध्यम से परीक्षा को स्थगित करवाने की मांग उठ रही थी। इसके साथ कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल भी परीक्षा के लिए विरोध जता रहे है। राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने परीक्षा स्थगित करवाने के लिए पीएम मोदी से अपील भी की है। अब परीक्षा में कुछ ही दिन शेष रह गए है। छात्र अभी असमंजस की स्थिति में है कि क्या एग्जाम होगा या फिर नहीं?।
ये तीन कारण जिसके कारण उठ रही है परीक्षा स्थगित की मांग:
परीक्षा से जुड़े छात्र खुद परीक्षा स्थगित करवाने की मांग उठा रहे है। इसके पीछे उनके मन में कही ना कहीं कोरोना का भय साफ़ नज़र आ रहा है। अगर परीक्षा स्थगित करवाने के लिए मुख्य कारणों की बात करें तो तीन मुख्य कारण सामने आ रहे है।
1. कोरोना का खतरा:
कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर में खतरा बरक़रार है। इसके चलते भारत सहित सभी देशों की सरकार कहीं भी ज्यादा भीड़ एकत्रित करने की अनुमति नहीं दे रही है। तो ऐसे में लाखों की संख्या में छात्र एग्जाम देंगे तो कहीं ना कही कोरोना संक्रमण का खतरा पैदा होता नज़र आ रहा है। हालांकि NTA ने कोरोना का विशेष ध्यान रखते हुए नई गाइडलाइन तैयार की है। एग्जाम सेंटर की संख्या में भी इजाफा किया है। लेकिन कोरोना का भय छात्रों में फिर भी देखने को मिलेगा।
2. यातायात व्यवस्था:
कोरोना के चलते अभी ग्रामीण इलाकों सहित बड़े शहरों में पूरी तरह यातायात व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। ऐसे में छात्रों के लिए एग्जाम वाले दिन परीक्षा केंद्र पर पहुंचना भी एक बड़ी चुनौती रहने वाली है। बिहार, आसाम, आंध्रा प्रदेश में बाढ़ से कई सड़के टूट चुकी है। ऐसे में दूर-दराज़ इलाकों से छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने में काफी मुसीबत होने वाली है।
3. मानसिक तनाव:
कोरोना के चलते वैसे ही दुनियाभर के लोग भय के दौर से गुजर रहे है। ऐसे में इन दोनों बड़े एग्जाम के लिए छात्रों ने एक साल कड़ी मेहनत की है। लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन लगने से परीक्षा स्थगित करने के बाद छात्र कहीं ना कहीं थोड़े नर्वस नज़र आ रहे है। ऐसे में उनको थोड़ा और समय अध्ययन के लिए मिले और उनके दिमाग से कोरोना का भय भी कम हो।