ऐसा क्या है ‘वुहान डायरी’ में, जिसने चीन को किया बेनकाब

फोकस भारत। कोरोना वायरस महामारी की वजह से लॉकडाउन के दौरान चीन के वुहान में लगभग 70 दिन बिताने वाली लेखिका को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। जानी मानी चीनी लेखिका फेंग फेंग ने इस दौरान एक ऑनलाइन डायरी लिखी, जो कि विदेशी भाषाओं में छपने जा रही है। किताब की तरह छापने पर हामी के बाद से ही उन्हें धमकियां मिल रही हैं। वुहान की रहने वाली लेखिका फेंग फेंग ने लॉकडाउन के दौरान एक के बाद एक 60 पोस्ट लिखीं, जिसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी डाला। सोशल पर तो पोस्ट लोकप्रिय हुईं ही, साथ ही इसे विदेशी भाषाओं में किताब की शक्ल में छापने की पहल भी हो गई। इससे नाराज कई चीनियों ने लेखिका को धमकाना शुरू कर दिया। यहां तक कि उनका पता भी सार्वजनिक हो गया। बताया जा रहा है कि उनकी पोस्ट को जर्मन और अंग्रेजी में छापा जा सकता है। हालांकि धमकियां मिलने के बाद उनके जर्मन प्रकाशक ने अपनी किताब के कवर को कथित तौर पर वापस ले लिया है। इसका शीर्षक था- ‘वुहान डायरी: उस शहर की निषिद्ध डायरी, जहां से कोरोना संकट शुरू हुआ था’।

कौन है फेंग फेंग
समृद्ध और बौद्धिक परिवार में जन्मी फेंग फेंग का असल नाम वांग फेंग (Wang Fang) है लेकिन लेखन के लिए उन्होंने फेंग फेंग चुना। बीते कई सालों से वे लगातार चीन के मामलों पर लिख रही हैं। साल 2010 में लेखिका को चीन का सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार भी मिल चुका है।

क्या लिखा था पोस्ट में
लेखिका फेंग फेंग ने लॉकडाउन के बाद 25 जनवरी से डायरी लिखनी शुरू की थी। कोरोना के दौरान वुहान पर उनकी आखिरी पोस्ट 24 मार्च को आई, जब चीन की सरकार ने लॉकडाउन खत्म करने का एलान किया था। अपनी पोस्ट में वे उन बातों को लिखती रहीं, जिनपर परदा था। जैसे उन्होंने इस दौरान क्या सुना, क्या देखा और क्या महसूस किया। साथ ही लेखिका ने पोस्ट में बौद्धिक और आम लोगों की कोरोना और लॉकडाउन पर राय भी डाली। उनकी एक पोस्ट काफी पसंद की गई और उसपर काफी लोगों की प्रतिक्रिया भी आई, जिनमें उन्होंने एक स्थानीय श्मशान का माहौल लिखा था। लेखिका को उनके एक डॉक्टर मित्र ने एक तस्वीर भेजी थी, जिसमें लोगों के मोबाइल फोन अनाथों की तरह पड़े हुए थे। ये फोन उन लोगों के थे, जो कोरोना की वजह मरे थे। फेंग फेंग ने वुहान के अस्पतालों के बारे में भी पोस्ट लिखी थी। पोस्ट्स में सरकारी और प्रशासनिक बंदोबस्त का भी जिक्र था। जैसे अस्पतालों से मरीजों को लौटाया जाना या मास्क खत्म होना। साथ ही एक अनाम डॉक्टर के हवाले से कोरोना के एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलने की बात भी लिखी हुई थी।

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