Rajasthan Politics-राजस्थान की सियासत में सरगर्मिया तेज हो गई है। क्योंकि विधानसभा चुनाव का समय अब नजदीक है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की बीकानेर संभाग की यात्रा हो या अब जयपुर के इर्द-गिर्द स्थित तीर्थ, वसुंधरा राजे लगातार संपर्क साधने में जुटी हैं। गौरतलब है कि जनता और कार्यकर्ता भी राजे की एक झलक के लिए पलके बिछाए नजर आ रहे हैं और राजे से मिलने के लिए आतुर भी हैं। राजनैतिक विश्लेषक कहते है कि विरोधियों के प्रयासों के बाद भी राजे की लोकप्रियता को कम नहीं किया जा सका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश संगठनमंत्री भी गुरुवार को वसुंधरा राजे के 13 नंबर बंगले पर पहुंचे थे और दोनों के बीच दो घंटे से अधिक की मुलाकात भी हुई। राजनीतिक पंडित कहते है कि अगर मीटिंग दो घंटे चली है, तो क्या मैडम को मनाने के प्रयास हो रहे हैं या फिर संगठन और मैडम के बीच कुछ करार हो गया है क्योंकि ये बात तो तय है कि प्रदेश के सभी बड़े चेहरे, मंत्री और नेता मिलकर भी वसुंधरा राजे की लोकप्रियता की बराबरी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में राजे और संगठन के बीच की दूरी कम करने के लिए भाजपा क्या रणनीति बना रही है, इसी पर चर्चा है। क्या राजस्थान भाजपा की अंतर्कलह खत्म होने जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने अपने बड़े दिल से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा को अनौपचारिक समर्थन दिया है, जिसका प्रमाण आमेर यात्रा के दौरान मैडम के स्वागत में आमेर मंडल के पदाधिकारियों की मौजूदगी इसका संकेत है। ऐसे में राजस्थान भाजपा में जल्द बदलाव नजर आ सकते है।