राजस्थान की सियासत में आजकल नाकारा-निकम्मा शब्द काफी चर्चा में है। बुधवार को ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के मुद्दे पर 13 जिलों के विधायकों और कांग्रेस नेताओं के सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) ने नाकारा-निकम्मा शब्द की परिभाषा बताते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह (gajendra shekhawat )को निशाने पर लिया। गहलोत ने इशारों में सचिन पायलट (sachin pilot) पर भी तंज कसा। गहलोत ने कहा- निकम्मा का मतलब क्या होता है? पड़ोस में बच्चे कोई झगड़ा करते हैं। बच्चे आपस में झगड़ते हैं तो एक पड़ोसी दूसरे के घर जाता है। बच्चे की शिकायत करता है। तब उस बच्चे के पिता उसे कहते हैं कि अभी बुलाकर डांटता हूं। वह नाकारा-निकम्मा है। यही तो कहते हैं, ये तो कहावतें होती हैं। वह अपने बच्चे के लिए कहता है।
गहलोत ने कहा- यही बात मैं कहता हूं कि निकम्मा-नाकारा है। इसका मतलब यही होता है कि यह बच्चा है। इसने गलती कर दी होगी। मैं इसे डांटता हूं। कई बार प्रेम से भी कहा जाता है। अब मैं प्रेम से भी कहूं तो कई लोग बुरा मान जाते हैं। उसका मैं क्या करूं? गौरतलब है कि सचिन पायलट ने पिछले दिनों कहा था कि गहलोत मेरे पिता तुल्य हैं, वे मुझे कई बार नाकारा-निकम्मा कह चुके हैं, मैं इस बात को अन्यथा नहीं लेता।
अशोक गहलोत ने कहा- ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाना हमारा हक है। हम भीख नहीं मांग रहे, हम हमारा हक मांग रहे हैं। क्या हमारा हक नहीं है? केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिख दी कि ईआरसीपी का काम बंद कर दीजिए। पानी राज्य का सब्जेक्ट होता है। केंद्र होता कौन है, यह आदेश देने वाला। मैं इसे बंद नहीं करने वाला।
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