Women Reservation Bill -राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी और महिला उम्मीदवार को सत्तारूढ़ NDA द्वारा चुना गया है। तो क्या उम्मीद कर सकते हैं जल्द ही “महिला आरक्षण बिल” भी संसद से पास होगा ? अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो सदन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण होगा। लेकिन इस पर आम राय नहीं बन पाने की वजह से विधेयक अभी भी अधर में लटका पड़ा है, सवाल ये है कि केंद्र में बहुमत की सरकार होने के बावजूद क्यों पास नहीं हो रहा विधेयक?
2014 में 15वीं लोकसभा भंग होने के साथ ही यह विधेयक भी ख़त्म हो गया था, इसलिए अब लोकसभा में महिला आरक्षण के विधेयक को नए सिरे से पेश करना होगा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई बार कह चुके हैं कि केंद्र सरकार बहुमत की सरकार है और वो महिला आरक्षण बिल लेकर आए, कांग्रेस का उसे पूरी समर्थन होगा।
क्या है महिला आरक्षण बिल
ये संविधान के 85 वें संशोधन का विधेयक है। इसके अंतर्गत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटों पर आरक्षण का प्रावधान रखा गया है। इसी 33 फीसदी में से एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित की जानी है। जिस तरह से इस आरक्षण विधेयक को पिछले कई सालों से बार-बार पारित होने से रोका जा रहा है या फिर राजनीतिक पार्टियों में इसे लेकर विरोध है ।