राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के बाद में अब कई राजनीतिक सवाल खड़े हो गए है। इन सवालों के बीच में जहां एक और नाराज मंत्री -विधायकों से मुख्यमंत्री के वादे है तो दूसरी ओर अब सबकी नजर इस बात पर भी है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर अब कांग्रेस क्या कदम लेगी। यह ऐसे सवाल है जिन पर 2023 का विधानसभा चुनाव का परिणाम तय होगा। राजनीतिक विश्लेषक कहते है कि जुलाई 2020 के बाद से बिना किसी पद के राजस्थान की राजनीति में अपने समर्थकों की ताकत के दम पर टिके हुए सचिन पायलट को लेकर अब फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है।
सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने करौली जिले के श्री महावीरजी में हुए किसान सम्मेलन में कहा- अभी भाषण में ये नाम ले रहे थे, पूर्व ये पूर्व वो। इस कम उम्र में बहुत से ‘पूर्व’ लगा दिए मेरे नाम के पीछे। मुझे पेंशन मिलती है पार्लियामेंट से। मैं पूर्व सासंद भी तो हूं। पूर्व उप मुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, अब और कितने ‘पूर्व’ लगाओगे मेरे नाम के आगे। इस बयान के मायने सियासत से जोड़े जा रहे हैं।
सचिन पायलट की मौजूदगी में समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी (Ved Prakash Solanki) ने ‘पायलट लाओ, राजस्थान बचाओ’ की बात कहकर कांग्रेस में आने वाले दिनों में फिर सियासी टकराव के संकेत दे दिए। वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा- अभी कहा कि 40 डिग्री टेंपरेचर है। आपने यहां का टेंपरेचर तो नाप लिया, लेकिन लोगों के दिलों में कितना टेंपरेचर है, यह नहीं मापा। लोगों के दिलों का टेंपरेचर नापना पड़ेगा। इनके दिलों का टेंपरेचर नहीं नापा गया तो समय नहीं बचेगा। इस समय की मांग है- ‘पायलट साहब को लाओ,राजस्थान बचाओ।’ सोलंकी ने कहा- हम नौजवानों के बीच कह रहे हैं। यह बात बार-बार कहते हैं। हम एक बात बार-बार कहते हैं कि हम कांग्रेस के हितैषी हैं। हम युवा और गरीब की बात करते हैं। कांग्रेस की सरकार दोबारा आएगी, तभी गरीबों का हित होगा। कांग्रेस की सरकार दोबारा कैसे आएगी, यह आप लोग जानते हो।