गांधीवादी विचारक और प्रेरक ‘भाईजी’ का निधन, CM अशोक गहलोत मानते थे अपना आदर्श

Dr. SN Subba Rao Passed Away: प्रख्यात गांधीवादी विचारक और प्रेरक जिन्होंने चंबल की धरती को डकैतों के आतंक से मुक्ति दिलाने वाली महान शख्सियत डॉ. एसएन सुब्बा राव का जयपुर में निधन हो गया है।  जयपुर के अस्पताल में अंतिम सांस ली है। जानकारी के मुताबिक शाम 4 बजे उनकी पार्थिव देह मुरैना पहुंचेगी, जहां अंतिम दर्शनों के लिए उनकी पार्थिव देह को रखा जाएगा। उसके बाद जौरा स्थित गांधी सेवा आश्रम में ले जाया जाएगा, जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

CM अशोक गहलोत मानते थे अपना आदर्श

प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक पद्मश्री डॉ. एस एन सुब्बाराव  को सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपना आदर्श मानते थे, वे काफी समय से अस्वस्थ थे, उनका जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज चल रहा था, वहीं पर उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली, मंगलवार शाम को ही सीएम अशोक गहलोत उनका कुशलक्षेम पूछने के लिये एसएसएस अस्पताल गये थे, सीएम गहलोत चिकित्सकों से लगातार उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ले रहे थे। सुब्बाराव पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। पिछले 5 दिन में सीएम गहलोत तीन बार सुब्बाराव से मिलने पहुंचे थे।

 

 

1929 में बेंगलुरु में जन्मे डॉ. सुब्बाराव 13 वर्ष की उम्र में ही भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ गये थे, गांधीवादी विचारों को स्थापित करने के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. सुब्बाराव ने चंबल घाटी में कुख्यात डकैतों से सरेंडर करवाया था, गांधी सेवा संघ की स्थापना कर हजारों लोगों को रोजगार दिया था, वे राष्ट्रीय सेवा योजना संस्थापक सदस्य थे, उन्होंने नेशनल यूथ प्रोजेक्ट की भी स्थापना की थी, सीएम अशोक गहलोत डॉ. सुब्बाराव को अपना आदर्श मानते थे. गहलोत डॉ. सुब्बाराव से लगातार मार्गदर्शन लेते थे,डा एसएन सुब्बा राव का पूरा जीवन समाजसेवा काे समर्पित रहा है। डा सुब्बा राव ने 14 अप्रैल 1972 काे गांधी सेवा आश्रम जाैरा में 654 डकैताें का समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण एवं उनकी पत्नी प्रभादेवी के सामने सामूहित आत्मसमर्पण कराया था। इनमें से 450 डकैताें ने जाैरा के आश्रम में, जबकि 100 डकैताें ने राजस्थान के धाैलपुर में गांधीजी की तस्वीर के सामने हथियार डालकर समर्पण किया था। ग्वालियर चंबल संभाल में डा सुब्बा राव साथियाें के बीच भाईजी के नाम से प्रसिद्ध थे। डा सुब्बा राव ने जाैरा में गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी थी, जो अब श्योपुर तक गरीब व जरूरतमंदों से लेकर कुपोषित बच्चों के लिए काम कर रहा है। डा सुब्बा राव ने श्याेपुर के त्रिवेणी संगम घाट पर गांधी जी की तेरहवी का आयाेजन शुरू करवाया था। आदिवासियाें काे मूल विकास की धारा में लाने के लिए वह अपनी टीम के साथ लगातार काम करते रहे हैं।