फोकस भारत। महाराणा प्रताप पर दिए विवादित बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सियासी मरम्मत करते नजर आ रहे है। ऐसे में महावीर जयंती के मौके पर गुलाबचंद कटारिया ने रविवार को तीसरी बार माफी मांगी है। ‘गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि “हम जैन दर्शन को मानने वाले लोग हैं। हमें यही शिक्षा मिलती है कि क्षमा वीरस्य भूषणम्, हम कोई कमी गलती पर क्षमा मांगते हैं, और मन से क्षमा देते भी हैं। इस समय महाराणा प्रताप को लेकर विशेष चर्चा में रहा हूं। मैं उन सभी लोगों से जिनकी आत्मा को मेरे शब्दों से ठेस लगी है। आप सभी से अंतः करण से क्षमा याचना करता हूं। और विश्वास करता हूं, जैन दर्शन को मानने वाला व्यक्ति हूं। मैं जिस भावना से भगवान महावीर के उद्देश्य को मानता हूं, और सुनता हूं। जीवन में उपयोग करने का प्रयास करता हूं। आगे बढ़ने में आप सबका सहयोग और आशीर्वाद मिले आप सब से एक बार फिर क्षमा” । दरअसल गुलाबचंद कटारिया ने 13 अप्रैल को राजसमंद में जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि “हमारे पूर्वज 1000 साल तक लड़े हैं। यह महाराणा प्रताप अभी गया ना। उसे क्या पागल कुत्ते ने काटा था। जो अपनी राजधानी और अपना घर छोड़कर डूंगर-डूंगर रोता फिरा। किसके लिए गया था। कुछ समझ में आता है या नहीं। क्या तुम उस पार्टी के साथ जाओगे”।
bjp ने कटारिया को कर दिया था साइडलाइन
राजनैतिक विश्लेषक कहते है कि राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के दौरान गुलाबचंद कटारिया के विवादित बयान के बाद बीजेपी की परेशानी काफी बढ़ गई थी। प्रदेश आलाकमान ने जहां गुलाबचंद कटारिया को साइडलाइन कर चुनाव प्रचार से दूर कर दिया था। वहीं बीजेपी के प्रत्याशियों ने भी गुलाबचंद कटारिया को अपने पोस्टर – होर्डिंग से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद से ही कटारिया पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए है। राजनीतिक पंड़ित कहते है कि महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद गुलाबचंद कटारिया के इस्तीफे की मांग उठनी शुरू हो गई थी। प्रदेशभर के सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है। जिसमें सबसे पहले मुखर होकर अभिमन्यु सिंह राजवी ने आवाज उठाई थी।