किन्नरों की आत्मा की शांति और कोरोना काल में मृतकों के लिए किया त्रिपिंडी श्राद्ध

फोकस भारत। उतरप्रदेश राज्य का सबसे बड़ी तीर्थ स्थली काशी के पिशाच मोचन तीर्थ पर त्रिपिंडी श्राद्ध का किन्नरों ने विधान पूरा किया। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की लीडरशिप में 11 आचार्य किन्नरों ने भाग लिया जिसमें राजस्थान की कांता बुआ, पिंकी, किरण बाई, आनन्दगिरी ने सहयोग किया।

पिशाच मोचन मंदिर के महंत मुन्नालाल पांडेय के आचार्यत्व में श्राद्ध का विधान पूरा किया जिसमें दो वर्ष में मृत्यु को प्राप्त किन्नरों का श्राद्ध किया बल्कि कोरोना के कारण दुनिया भर में अकाल मृत्यु के लोगों और दिल्ली में निर्मम हत्या की शिकार हुई किन्नर एकता जोशी के लिए भी श्राद्ध कर्म किया।