First Female Cardiologist of India। कोरोना के कहर से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। कोरोना अब एक के बाद एक बड़ी हस्तियों को भी अपना शिकार बना रहा है। देश की पहली महिला कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एसआई पद्मावती का कोरोना के चलते निधन हो गया। डॉ एसआई पद्मावती की उम्र 103 साल थी। पिछले कई दिनों से हॉस्पिटल में भर्ती थी।
‘गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी’ के नाम से मिली पहचान:
डॉ. पद्मावती को कार्डियोलॉजी गॉडमदर के नाम से जाना जाता था। उन्होंने अपने जीवन के करीब 70 साल मेडिकल क्षेत्र को दिए। डॉ पद्मावती 1950 से दिल्ली के मेडिकल क्षेत्र में सक्रिय थीं। डॉ पद्मावती ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई रंगून मेडिकल कॉलेज और इंगलैंड से पूरी की। 1954 में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में उत्तर भारत की पहली कार्डिएक कैथीटेराइजेशन प्रयोगशाला स्थापित की थी। 1967 में उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के निदेशक-प्राचार्य के रूप में पदभार संभाला।
डॉ. पद्मावती के दोनों फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हो गया था जिसके कारण उनका निधन हो गया। बता दें कि महान हृदय रोग विशेषज्ञ अपने आखिरी दिनों मेडिकल क्षेत्र में सक्रिय रहीं। 1981 में उन्होंने एनएचआई की स्थापना की थी। उनके योगदान के कारण ही उन्हें ‘गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी’ की उपाधि दी गई थी।