कांग्रेस पार्टी के अंदर हुए घमासान पर सोमवार को विराम लग गया। सोमवार को करीब सात घंटे चली मीटिंग के बाद तय हुआ है कि फिलहाल सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। एक बात तय है कि इस ‘लेटर’ के बाद आलाकमान में जो हड़कंप मचा था, उसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं में अंदरूनी कलह अभी शांत होने वाली नहीं है। लेकिन कुछ नेता हमेशा से कांग्रेस के मुश्किल समय में संकटमोचक की भूमिका निभाकर कुछ ना कुछ हल निकाल लेते है। इसमें अमरिंदर सिंह, अहमद पटेल, सीएम गहलोत, सीएम बघेल, मुकुल वासनिक जैसे नेता शामिल है।
आपको बता दें दो दिन पहले कांग्रेस के अंदर एक ‘लेटर बम’ फूटा है। इसमें करीब 20 से अधिक नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर ‘परिवर्तन’ की मांग की है। लेटर में कई वरिष्ठ कांग्रेस लीडर के नाम भी थे, जिन्होंने गैर-गांधी अध्यक्ष बनाने की बात का समर्थन किया।उसके बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी नाराज़ हो गए। सोनिया गांधी ने तत्काल प्रभाव से कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की। लेकिन फिर कई अन्य बड़े कांग्रेस नेताओं ने मामला संभालते हुए नाराज़ सोनिया गांधी को मना लिया। अब सोनिया गांधी अगले 6 महीने को इस पद पर रहेगी उसके बाद नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।
ये बड़े है गांधी परिवार के अध्यक्ष के पक्ष में:
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पर 40 साल से गांधी परिवार का कब्ज़ा रहा है। सोनिया गांधी सबसे ज्यादा करीब 20 साल से पार्टी प्रमुख का पद संभाले हुए है। गांधी परिवार के लिए इस समय कुछ उनके खास ही बगावत पर उतर आए है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेंद्र बघेल सहित अहमद पटेल, सचिन पायलट, अजय माकन, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला जैसे कई बड़े नेता गांधी परिवार के समर्थन में आए। उसके बाद इस मामले पर एक बार तो विराम लग गया। लेकिन आने वाले समय में कभी भी कांग्रेस पार्टी के अंदर एक बार फिर घमसान मच सकता है।
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